सुनील सिंह का पर्चा रद्द होने से किसे मिलेगा फायदा?

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गोरखपुर लोकसभा सीट से हिंदुस्तान निर्माण दल के प्रत्याशी सुनील सिंह का पर्चा रद्द होने से आखिर चुनावी मैदान में किसको इसका फायदा मिलेगा ये सवाल सभी के जहन में है। कभी योगी के बेहद ही करीबी कहे जाने वाले सुनील सिंह आज की तारीख में शायद उनके सबसे बड़े शत्रु बन चुके है तभी तो उन्होंने अपनी खुद की ही पार्टी का निर्माण कर लिया जिसका नाम दिया हिन्दू युवा वाहिनी भारत..

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इस पार्टी के निर्माण के बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल पुथल मच गई थी किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्यों सुनील सिंह ने योगी का साथ छोड़ अपनी पार्टी का निर्माण किया। अब जबकि गोरखपुर लोकसभा सीट से हिंदुस्तान निर्माण दल की तरफ से सुनील सिंह मैदान में उतरे थे तो अचानक उनका पर्चा रद्द कर दिया गया वजह ये बताई गई कि आवेदन फॉर्म में त्रुटि की वजह से पर्चा रद्द किया गया हालांकि सुनील सिंह ने इसकी शिकायत कोर्ट सहित चुनाव आयोग से भी की लेकिन उसपर अभी कोई फैसला नहीं आया है।

वहीं हाल ही सुनील सिंह ने योगी आदित्यनाथ के लिए एक खुला पत्र भी लिखा था जिसमें उन्होंने योगी को द्रोणाचार्य तो गोरखपुर के जिलाधिकारी को गांधारी बताया था। उन्होंने पत्र के जरिये अपनी बातों को रखा था जोकि गोरखपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है। सुनील सिंह भी हिंदूवादी विचारधारा के है और उनका भी मिशन हिंदूवाद को आगे लेकर जाने का था जोकि मौजूदा बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन का है। सुनील सिंह की फैन फॉलोइंग भी अच्छी खासी है हाल ही जब उन्होंने रोड शो किया था तो अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली थी। उनके लोगों को विश्वास था कि सुनील सिंह को जन समर्थन जरूर मिलेगा मगर चुनाव से पहले ही उनके पर्चे को रद्द कर दिया गया। अब सवाल उठता है कि:

क्या किसी साजिश के तहत सुनील सिंह का पर्चा रद्द किया गया?

क्या बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन पर सुनील सिंह हावी पड़ रहे थे?

ऐसे न जाने कितने सवाल हैं जिसका जवाब किसी के पास नहीं पर करेंगे क्या राजनीति है ये सब तो होगा ही। अब इंतजार करिये 19 मई का तब ही तय होगा कि जनसमर्थन किसकी तरफ है और23 तारीख का जब नतीजा घोषित होगा तो ही पता चलेगा कि गोरखपुर की जनता ने अपना नेता किसे चुना है।