किस कारण से योगी अपने ही गढ़ में नहीं खिला पाए कमल!!

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आयुष/नीतीश
गोरखपुर।

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14 मार्च 2018 गोरखपुर के लिए वो दिन जिस दिन एक इंजीनियर ने रच दिया इतिहास।जी हां हम बात कर रहे गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव की,जिसमे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने भाजपा का रथ रोक एक इतिहास बना दिया।गोरखपुर उपचुनाव में बीजेपी का हार के कारण तो कई है,लेकिन मुख्य कारण यह रहा कि शहर के जनरल कैटेगरी और व्यापारी वर्ग की नाराजगी बीजेपी को ले डूबी।आपको बता दे ‘गोरखपुर लाइव’ ने हार के कारण की समीक्षा के लिए गोरखपुर के लोगो से जानने की कोशिश की। जब लोगो से बात हुई तो बहुत से लोग ऐसे थे जिन्होंने कहा की हम वोट ही देने नहीं गए।जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो लोगो का कहना था,अभी तक एक दो वर्ग पूरी तरह से बीजेपी को वोट देती थी परन्तु केंद्र सरकार की तमाम गलत नीतियों के चलते लोगो का मन बदला हैं।धर्मशाला के एक दुकानदार बताते है की शुरू से ही वो बीजेपी को वोट करते थे परन्तु सरकार जमीनी मुद्दों को छोड़ बाकी सब काम कर रही है,इसलिए वोट ही नहीं करने गए।कुछ लोगो का कहना था कि मतदान के दिन छुट्टी की वजह से बहुत से दुकानदार नेपाल या मंदिर दर्शन के लिए चले गए जिससे वोटिंग परसेंटेज कम रहा।
और बात अगर प्रत्याशियों की करें तो बीजेपी से उपेंद्र दत्त शुक्ला जबकि समाजवादी पार्टी से प्रवीण कुमार निषाद चुनाव लड़ रहे थे जिसमें लोगों का कहना हैं की सपा के नेता जमीन पर चुनाव लड़ कर एक-एक वोट बटोरने में लगे रहे,सपा के नेता कई दिनों तक गोरखपुर में रहे और घर-घर जा कर पार्टी प्रचार किया।
तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के लोगो अति उत्साह ने ले डूबा।उन्हें इतना ज्यादा आत्मविश्वास था कि वो लोगो तक अपनी बात या पार्टी प्रत्याशी का नाम तक पहुंचाने या बताने जनता के बीच नही गए।हां, ये अलग बात है कि सूबे के मुखिया आदित्यनाथ अकेले ही गोरखपुर उपचुनाव के लिए 11 जनसभाओं को संबोधित किया,परन्तु लोगों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।इस बात को बीजेपी नेता मान भी रहे है ।