गोरखपुर में विश्व का सबसे ऊंचा प्रीलिंग टॉवर बनकर तैयार

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गोरखपुर: हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल, हर्ल) के फर्टिलाइजर खाद कारखाना का ट्रायल अगले साल शुरू हो जाएगा। 149.2 मीटर ऊंचा प्रीलिंग टॉवर बनकर तैयार है। विश्व में इतना ऊंचा टॉवर कहीं नहीं है। कोशिश है कि फरवरी 2021 से खाद्य कारखाना अपनी पूरी क्षमता से चले यह कहना है हर्ल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट वीके दीक्षित का वह शुक्रवार को हर्ल के कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करने के दौरान कहा।

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यूरिया की साइज होगी अच्‍छी

उन्‍होंने कहा कि टॉवर बनने से यूरिया की साइज अच्छी होगी। अमोनिया के कूलिंग टॉवर के सभी नौ सेल तैयार हो चुके हैं। इसका मैकेनिकल कार्य नवंबर 2020 में पूरा हो जाएगा।

जापान से आ रही मशीन

चिलुआताल संवाददाता के अनुसार खाद कारखाना में ज्यादातर भारत निर्मित मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो मशीनें देश में नहीं बन रही हैं, उन्हें जापान से मंगाया जा रहा है। जापान से जल मार्ग से मशीन को भेजा जा चुका है। छपरा से इसे सड़क के रास्ते गोरखपुर ले आया जाएगा।

16 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन

खाद कारखाना में 16 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। जरूरत के हिसाब से उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही फर्टिलाइजर बिजली घर से 10 एमवीए की क्षमता का कनेक्शन भी लिया गया है। इमरजेंसी की स्थिति में बिजली से मशीनें चलाई जाएंगी।

चिलुआताल से निकलेगा पानी

खाद बनाने के लिए बहुत ज्यादा पानी की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए चिलुआताल में तीन ड्रेजर मशीनों से खोदाई की जा रही है। यहां से 1450 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा पानी निकाला जाएगा।