अपने क्षेत्र के लिए नजीर बन गयी हैं शिक्षिका सोनिया वर्मा

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प्रकाशिनी मणि त्रिपाठी

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आज शिक्षा का बाजारीकरण हो गया है,और इस बाजार के जद में सब लोग आ गए है,अगर आप बढिया और संपन्न परिवार से ताल्लुक़ रखते हैं तभी आप एक अच्छे शिक्षण संस्थान में दाखिल हो सकते हैं।आज की स्थिति यह हो गयी है कि गरीब परिवार के बच्चे जो प्रतिभा से परिपूर्ण है लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नही होने की वजह से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पाने में असमर्थ हैं।

शिक्षा के इस व्यवसायीकरण के बावजूद भी आज सोनिया वर्मा जैसी भी एक शिक्षिका हैं जो गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ा रही है और एक समाज के लिए नजिर पेश कर रही है, सोनिया एक दिन में 6बैच में अपनी कोचिंग संस्थान चलाती है, और प्रत्येक बैच में 20 से 30 बच्चे होते है सभी बैच को वो अकेले ही पढ़ाती हैं हमारे संवादाता को सोनिया जी ने बताया कि वो सारे विषयों को अकेले इसलिए पढ़ाती है क्योंकि फ्री में कोई नही पढ़ायेगा।

आपको बता दें कि कुशीनगर जिले की सेवरही नगर के वार्ड नम्बर 14 जवाहरनगर निवासी श्रीमती सोनिया वर्मा के परिवार सर्राफा का कारोबार करता है, और उनको महिलाओं का काम करना पसंद नही है, लेकिन इसके बावजूद भी वहअपने क्षेत्र में पिछड़ी हुयी लड़कियों को निशुल्क शिक्षा देती है और जिनकी आर्थिक स्थिति थोड़ी अच्छी है उससे 150 रूपये में पढ़ाती हैं।

सोनिया वर्मा बताती है कि शुरू में मेरे घर वाले इसके लिए तैयार नही हुए लेकिन मेरे हौसले और समाज से अच्छा प्रोत्साहन मिला जिसके बाद हमारे घर वालो को भी इस नेक कार्य से खुशी होने लगी है।

आज स्थिति यह है कि उनकी पढ़ाई हुई लडक़ी हाइस्कूल और इंटरमीडिएट के एग्जाम में काफी अच्छा अंक ला रही है ।सोनिया के इस पहल को सेवरही और उसके पास के लोगो द्वारा काफी सराहना मिल रही है ।कुल मिलाकर देखा जाए तो सोनिया के इस मिशन से समाज के गरीब और वंचित तबका जो पैसे के वजह से पढ़ नहीं पा रहा है उनके लिए एक उम्मीद की रोशनी हो गयी है सोनिया वर्मा।