आठ माह की अंशिका की जिंदगी को मिली ‘‘आशा की किरण’’, छह महीने बाद बच्ची के कटे तालू की भी होगी सर्जरी

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गोरखपुर। जंगल छत्रधारी गांव की आशा कार्यकर्ता किरण गांव के मीरगंज टोला की आठ माह की बेटीअंशिका के लिए ‘‘आशा की किरण’’ साबित हुईं हैं।

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कटे होठ और तालू के साथ पैदा हुई बच्ची के कटे होठों की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम की मदद से आशा कार्यकर्ता ने सर्जरी करवाने में सफल रहीं।

छह महीने बाद बच्ची के कटे तालू की भी सर्जरी होगी। आशा कार्यकर्ताके प्रयासों से बच्ची को निःशुल्क पोषण सामग्री भी मिली और जब बच्ची सात किलो की हो गयी तब उसके होठों की सर्जरी की गयी। बच्ची के निराश अभिभावकों के चेहरे पर आशा के प्रयासों से मुस्कान लौट आई है।

अंशिका के पिता रामप्रसाद इलेक्ट्रिशियन हैं । तीन साल पहले उनकी शादी माया देवी से हुई थी। 13 अगस्त 2021को माया ने बेटी अंशिका को जन्म दिया लेकिन परिवार के लोग उस वक्त परेशान हो उठे जब चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची के होठ और तालू कटे हुए हैं ।

अंशिका की दादी रुमावती देवी बताती हैं कि परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पहली बच्ची और वह भी जन्मजात विकृति के साथ पैदा हुई । पूरा परिवार दुखी था ।