गोरखपुर : घर बैठे बच्चे की सेहत की स्थिति जानिए साथ में सर्टिफिकेट पाइए

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गोरखपुर। बच्चे की सेहत की स्थिति अभिभावक अब घर बैठे खुद ही जान सकेंगे। इतना ही नहीं बच्चे की सेहत से संबंधित सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा।

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इसके लिए अभिभावकों को स्वस्थ बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा में प्रतिभाग करना होगा। जिले में 21 मार्च से चार अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा मनाया जायेगा।

इसके पहले चरण में 27 मार्च तक यह प्रतिस्पर्धा आयोजित होगी। इसमें उन बच्चों की भी प्रतिभागिता हो सकेगी जो स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्र नहीं जाते हैं।

जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने इस स्पर्धा के आयोजन के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र भी जारी किया है।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रतिस्पर्धा ग्रामीण क्षेत्र, शहरी क्षेत्र के अलावा सेल्फ मोड पर भी आयोजित होगी जिसमें छह वर्ष तक के सभी बच्चे प्रतिभाग कर सकते हैं।

बच्चों की लंबाई, ऊंचाई और वजन की माप पोषण ट्रैकर एप में भरी जाएगी जिसके आधार पर स्वतः प्रमाण पत्र जारी हो जाएगा।

आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायत भवन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अस्पतालों, अभिभावकों द्वारा घर पर और विशेष कैंप के माध्यम इस प्रतियोगिता में हिस्सेदारी होगी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका माप लेंगी।

शहरी क्षेत्र के आयोजन में रोटरी क्लब, लायंस क्लब, गैर सरकारी संगठन, कर्मचारी संगठन और चिकित्सक यह कार्य करेंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहयोग का भी दिशा-निर्देश है।

इनके अलावा बच्चे के अभिभावक घर पर भी उनकी लंबाई, ऊंचाई और वजन लेते हुए एप पर फीडिंग करेंगे। अगर बच्चा स्वस्थ हुआ तो स्वतः सर्टिफिकेट जेनरेट हो जाएगा जिसे अभिभावक डाऊनलोड कर सकते हैं।

स्पर्धा के उद्देश्य

• छह वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना
• स्वस्थ बच्चे पर कुपोषित बच्चे की तुलना में ज्यादा ध्यान देना
• समुदाय को स्वास्थ्य एवं पोषण के बारे में जागरूक करना
• अभिभावकों के बीच बच्चों को स्वस्थ एवं सुपोषित रखने के लिए प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार करना
• आईसीडीएस सेवा से ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जोड़ना
• बच्चों के विकास की निगरानी कर कुपोषण को दूर करना
• बच्चों में व्याप्त नाटापन, दुबलापन, कम वजन का डेटाबेस तैयार करना और संबंधित विभागों को संदर्भित करना

पोषण पखवाड़े की अन्य गतिविधियां

• 28 एवं 29 मार्च को जेंडर सेंसिटिव वाटर मैनेजमेंट थीम पर समुदाय आधारित गतिविधियां।
• 30 और 31 मार्च को एनीमिया की रोकथाम संबंधित गतिविधियां होंगी।
• एक और दो अप्रैल को पारंपरिक भोजन में पोषण की महत्ता से संबंधित गतिविधियां होंगी।
• चार अप्रैल को पोषण पखवाड़े और बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम के समापन से जुड़ी गतिविधियां होंगी।