गाजीपुर। पूरे उत्तर भारत में इन दिनों शीतलहर का प्रकोप छाया हुआ है। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेना पद रहा है। लेकिन यही अलाव कई बार जानलेवा साबित हो जाती है।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से एक दर्दनाक घटना सामने आया है जहाँ एक ईंट भट्ठे पर ठंड से बचने के लिए वहां काम करने वाले ने अलाव जलाया था। यही अलाव परिवार के मासूमों के लिए मौत का कारण बन गया।
दरअसल, अलाव के कारण झोपड़ी में आग लग गई। इस हादसे में तीन बच्चों की झुलसकर मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से झुलसी इन बच्चों की मां का अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं, पिता भी इस घटना में मामूली रूप से घायल हुआ है। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
चंदौली जनपद के शहर कोतवाली के दिग्घी गांव निवासी बबलू वनवासी पत्नी भागीरथी व तीन बच्चों संग भटठा पर ईंट की पथाई का काम करता था। काम समाप्त होने पर बुधवार की रात में खाना खाने के बाद बबलू परिवार के साथ भट्टा परिसर स्थित अपने झोपड़ी में रोज की तरह एक किनारे जली अंगीठी रखकर नीचे पुआल पर पड़े बिस्तर पर सो गया।
रात करीब एक बजे अंगीठी की आग बिस्तर से होते हुए झोपड़ी में लग गई। इस हादसे में तीन बच्चों की झुलसकर मौत हो गई अगलगी की घटना में मरने वाले मासूमों की पहचान पूजा (13), चंद्रिका (7) और डमरू (4) के तौर पर की गई है।