बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन सतर्क

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गोरखपुर।

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बाढ़ से बचाव एवं राहत आपूर्ति के लिए सभी विभाग अपनी कार्य योजना के अनुसार तैयारी पूरी कर लें। बाढ़ चौकी, उस पर तैनात कर्मचारी, संसाधन की व्यवस्था अभी से सुनिश्चित कर लें। उक्त निर्देश जिलाधिकारी के0 विजयेन्द्र पांडियन ने दिये। वे कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ स्टीयरिंग कमेटी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी तहसीले अन्र्त विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें।उन्होंने कहा कि बाढ़ चौकी का स्थल चिन्हित कर लें। उस पर ड्यिूटी हेतु राजस्व, पुलिस, चिकित्सा, पशुपालन एवं अन्य विभाग के कर्मचारी की तैनाती कर दे। उनका मोबाइल नंबप की सूची रखें। बाढ़ के दौरान प्लास्टिक शीट, खाद्यान्न, भूसा, दवायें आदि उपलब्ध करायी जाती है। इसका अभी से टेन्डर करा दें और आपूर्ति कर्ता चिन्हित कर लें।उन्होंने कहा कि प्रत्ये तहसील क्षेत्र की नावो की सूची तैयार रखें तथा नाविक की सूची रखे। नाव बड़ी हो जिनसे राहत समाग्री वितरित की जा सके। यदि आवश्यक हो तो नावो की मरम्मत भी करा दें। सुनिश्चित करे कि पिछली बाढ़ में सभी गांवो का किराया एवं मजदूरी का भुगतान हो गया है।जिलाधिकारी ने बाढ़ के तीनो खण्ड की परियोजनाओ की समीक्षा किया। उन्होंने पाया कि 7 परियोजनाए स्टेयरिंग कमेटी में तथा 25 परियोजनाए मुख्य अभियंता स्तर पर लम्बित है। इसके क्लीयर करने के सम्बंध में उन्होंने दोनो स्तर पर दूरभाष पर बात किया है। उन्होंने कहा इस दौरान सभी रेगूलेटर एवं उसके फाटक मरम्मत करा लें। हावर्ट बाध पर 9 रेगूलेटर है अन्य बन्धो पर कुल 35 रेगूलेटर है। जिलाधिकारी ने इन सभी के बारे में रिपोर्ट तलब किया है। बाढ़ खण्ड ने बताया कि पिछले बाढ़ में बचाव के कार्य कराये गये थे जिसका 16 करोड़ रूपये बकाया है।उन्होंने बाढ़ खण्ड के अभियंताओ को निर्देश दिया कि बाढ़ के बचाव के लिए आवश्यक समाग्री जियोबैंग, बम्बू कैरट, बोल्डर, बालू की बोरियां तैयार रखें। इसका कार्य करने वाले सप्लायर तथा ठेकेदार को तैयार रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर कार्य कराया जा सके। जिलाधिकारी ने रेलवे, एयरफोर्स, एनडीआरएफ, जीआरडी, गीडा, विकास प्राधिकरण, पीडब्लूडी, आदि विभागीय अधिकारियो से बाढ़ से बचाव एवं बाढ़ के दौरान राहत कार्यों के बाबत चर्चा किया तथा कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।