छात्रों में हुए बवाल के बाद क्या छात्रसंघ चुनाव स्थगित करना उचित हैं?

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गोरखपुर।

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गोरखपुर विश्वविद्यालय में आगामी 13 सितम्बर को छात्रसंघ चुनाव होने वाले थे लेकिन कल विश्वविद्यालय में हुए छात्रों के बीच बवाल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र संघ चुनाव को स्थगित करने का फैसला लिया।आपको बताते चलें कि कल सुबह 11 बजे के करीब ABVP के छात्रों ने चुनाव प्रचार के दौरान विधि विभाग के प्रोफ़ेसर अभय मल्ल के साथ अभद्रता की थी जिसके बाद अन्य छात्र आक्रोशित हो गए।मामला इतना बढ़ गया कि छात्रों के बीच हाथापाई शुरू गयी जिसमें कई छात्रों को चोट आयीं।

इस घटना के बाद कुछ छात्र ABVP के खिलाफ धरने पर बैठ गए जिसके बाद पुलिस ने धरने पर बैठे दो छात्रनेताओं अनिल दुबे और आलोक सिंह को हिरासत में लेकर थाने ले गयी हालांकि कुछ देर बाद ही इन छात्रनेताओं को रिहा कर दिया गया।रिहाई के बाद वापस से कई छात्रनेता ABVP के ख़िलाफ़ धरने पर बैठ गए और छात्रसंघ चुनाव से ABVP को बाहर करने के लिए धरना देने लगे। देर शाम विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रसंघ चुनाव स्थगित करने का नोटिस जारी किया गया। अब सवाल उठता हैं कि क्या छात्रों में हुए बवाल के बाद छात्रसंघ चुनाव स्थगित करना विश्वविद्यालय प्रशासन का सही फैसला था?

हालांकि छात्रसंघ चुनाव स्थगित होने के बाद तमाम राजनीतिक दल भी इस पर प्रतिक्रिया देने लगे हैं अब आगे देखना होगा कि क्या प्रशासन अपना फैसला बदलता हैं या नहीं!