इंजीनियर से नहीं जीत पाए महंत…..

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नीतीश गुप्ता
गोरखपुर।

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गोरखपुर को लगभग तीन दशक बाद कोई नया सांसद मिला है,जिसका नाम है प्रवीण निषाद।जी हां,प्रवीण निषाद ये नाम अब याद कर ले क्योंकि ये युवा सांसद जीत दर्ज कर पूरे देश मे गोरखपुर के साथ ही अपना और पार्टी का नाम रोशन किया हैं।सभी लोगो को इस बात का आश्चर्य हैं कि आखिर कैसे कोई युवा प्रत्याशी महंत योगी को टक्कर दे दिया।क्योंकि चुनाव से पहले ही लोग ये मान लिए थे कि जीत तो योगी की ही होनी हैं, ये तब जब कि बसपा ने सपा को समर्थन भी दे दिया था।परन्तु इस समर्थन को भी लोगो ने उपचुनाव से पहले हल्के में लिया यहां तक कि योगी खुद इस गठबंधन के बाद इसको साँप-छछुंदर का मेल बताए थे।आपको बताते चले,योगी के बयान के बाद गोरखपुर में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर का एक दौरा किया था और जनता को संबोधित कर वापस चले गए थे जबकि इसके विपरीत योगी बतौर सीएम 12 से ज्यादा दौरे किये सिर्फ गोरखपुर लोकसभा के लिए।तमाम योगी के दौरों के बाद जब 11 मार्च को मतदान हुआ तो लगभग 47.75% लोगो ने ही बस गोरखपुर में वोट डाले,जिसके बाद ये आंशका जताई जा रही थी कि जीतेगी तो बीजेपी लेकिन वोटों का अंतर कम होगा।परन्तु जब 14 मार्च को मतगणना हुई तो सपा उमीदवार ने बीजेपी के उपेंद्र शुक्ल को कड़ी टक्कर दी।दिन भर आ रहे रुझान से लोगो मे उत्सुकता बनी रही,हालांकि 3 बजे के बाद लगभग तय था कि प्रवीण ही बनेंगे गोरखपुर के अगले सांसद।आइये हम आपको बताते हैं कि कितना पढ़ा लिखा है हमारा नया सांसद प्रवीण निषाद-
समाजवादी पार्टी और गोरखपुर के सांसद प्रवीण निषाद उर्फ सन्तोष निषाद की बात करें तो इनका चुनाव चिन्ह साइकिल था और प्रवीण ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में प्रौद्योगिकी स्नातक की उपाधि हासिल की है।इनकी पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं।
अब देखना दिलचस्प होगा आने वाले समय में कि अब जब कि एक इंजीनियर युवा अपने शहर का सांसद हैं तो शहर की तस्वीर बदलती है या नहीं?
लेकिन लोगों की माने तो प्रवीण में कोई तो बात थी जिसने मंदिर के महंत और 5 बार से लगातार रहे सांसद को उपचुनाव में पटखनी दी।हालांकि इतिहास गवाह है कि पिछले 3 दशक में जो भी योगी के खिलाफ चुनाव लड़ा है उसको मुँह की खानी पड़ी है चाहे वो सपा से चुनाव लड़े मनोज तिवारी या बसपा से विनय शंकर तिवारी,जमुना निषाद जैसे दिग्गज नेता हो।