गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में फैले ओवरलोडिंग घोटाले (Overloading Scam) की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने गोरखपुर के एआरटीओ को पूछताछ के लिए तलब किया है।
बता दें एसआईटी इससे पहले गोरखपुर (Gorakhpur) के आरटीओ सिपाहियों से पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक दोनों एआरटीओ के खिलाफ एसआईटी को अहम जानकारियां मिली हैं।
एसटीएफ ने पूर्वांचल के कई जिलों में ट्रकों की ओवरलोडिंग के खेल का खुलासा किया था। पता चला कि आरटीओ दफ्तर के अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत से ओवरलोडिंग का भ्रष्टाचार चल रहा था। मामले में यूपी शासन ने एसआईटी को जांच की जिम्मेदारी दी है।
दरअसल यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर में करोड़ों रुपये का ओवरलोडिंग घोटाला पकड़ा था।
गोरखपुर में परिवहन अधिकारियों और ढाबा संचालक की सांठगाठ से ओवरलोड वाहनों से करोड़ों की अवैध वसूली का खेल सामने आया था।
इस मामले में एसटीएफ ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। गोरखपुर के बेलीपार थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई गई। बाद में सीएम योगी ने इस मामले की जांच एसआइटी को सौंपने का निर्देश दिया था।
एसआईटी ने जांच की शुरू की तो ओवरलोडिंग घोटाले का दायरा अन्य जिलों में बढ़ता चला गया। पता चला कि परिवहन अधिकारियों की मिलीभगत से करीब 15 साल से हाईवे पर ओवरलोड वाहनों को पास कराकर सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है।
एसआइटी इस मामले में गोरखपुर के अलावा गाजीपुर, संतकबीरनगर, मऊ, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, प्रयागराज, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलिया, जौनपुर व सोनभद्र समेत 18 जिलों के तत्कालीन एआरटीओ से पूछताछ करने जा रही है।