लॉकडाउन में बेरोजगार होकर घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाने के बजाय राजनीतिक पार्टियां इसका लाभ उठाने में लगी हुई हैं। रविवार को राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने करीब 500 बसों को उत्तर प्रदेश-राजस्थान सीमा पर मजदूरों की मदद के लिए भेज दिया, लेकिन मथुरा जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के कारण बसों के साथ आए कांग्रेस नेता बहज राजस्थान बॉर्डर पर देर शाम तक खड़े रहे।
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हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर वीडियो जारी कर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बसों को चलाने की अनुमति भी मांगी। उन्होंने कहा कि यह वक्त राजनीति का नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हमें मजूदरों की मदद करने दीजिए।
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे निवेदन कर रही हूँ, ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने दीजिए। हमारी बसों को परमीशन दीजिए। pic.twitter.com/K2ldjDaSRd
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
दूसरे राज्यों से घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों का सिलसिला थम नहीं रहा। इन मजदूरों को उनके घरों तक छोड़ने के लिए रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के आह्वान पर राजस्थान सरकार ने करीब 500 बसें मथुरा जिले से सटे बहज राजस्थान बॉर्डर पर भेज दीं।
इन बसों के साथ भरतपुर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रोहित चौधरी, राष्ट्रीय सचिव व सह प्रभारी उत्तर प्रदेश जुबैर खान, राजस्थान सरकार मंत्री सुभाष गर्ग, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के सलाहकार संदीप सिंह, पूर्व विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर आदि मौजूद थे।
पूर्व विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर ने इस संबध में जिलाधिकारी मथुरा से बातचीत की। एसडीएम गोवर्धन से भी बात की, परंतु जिलाधिकारी ने बसों के लिए अनुमति देने से मना कर दिया। इसके कारण बसों को मजदूरों की मदद को नहीं भेजा जा सका।