मन भर खाइये (खूब चबाकर धीरे धीरे भोजन करने से भोजन की कम मात्रा में ही मन भर जाता है) ।
मन भर सोईये (कम से कम 6 घण्टों की अच्छी नींद सबसे बड़ा व तेज इम्यूनीटी बूस्टर होता है) ।।
भयमुक्त जीवन जीये (भय, क्रोध, चिन्ता व द्वेष आदि से इम्यूनीटी तेजी से कम हो जाती है ) ।
करें हल्का व्यायाम (हल्का व्यायाम जिससे थकान व दर्द न हो इम्यूनीटी बूस्टर है)।
10 बार करें अनुलोम विलोम (साँस व मन की शक्ति में गुणात्मक सुधार होता है)।
10 मिनट का ध्यान (मन को शांत करनें से इम्यूनीटी तेजी से बढ़ती है)।।
1 सांस में गिनती करने की क्षमता का सुबह शाम करें ज्ञान।
दलहन, फल, हरी ताजी सब्जियों और सुपाच्य भोजन से करें प्यार।
तुलसी, अदरक, काली मिर्च का लेते रहें स्वाद।
साबून पानी से रखे अपनी स्वच्छता का ध्यान।।
मुह, नाक और आंख ढ़कें।
खांसी और छींक पर कोहनी से करें त्क्षण वार।।
नमस्ते हो परिचय आधार।
भीड़ भाड़ का करें बहिष्कार।।
कोविड का ये सब है अचूक समाधान।
कोविड से भय का अब नहीं रहा कोई आधार।।
1 सांस में गिनती करने की क्षमता का सुबह शाम करें ज्ञान की विस्तृत व्याख्या।
चिकित्सा विज्ञान में फेफड़ों की कार्यशीलता (पलमोनरी फन्कशन टेस्ट) जानने का सबसे सरल उपाय एक सांस में गिनती गिनने की क्षमता को नापना है।
इसलिए सभी को रोज सुबह और शाम को एक निश्चित समय पर प्रतिदिन एक सांस में गिनती गिनने की अपनी क्षमता को देखते और रिकार्ड हेतु लिखते रहना चाहिए।
एक सांस में यदि कोई व्यक्ति 100 से अधिक तक की गिनती कर पा रहा है तो उसके कोरोना से मरने का खतरा करीब शुन्य है (पर फिर भी उसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और साबून से हाथ धोना आदि बचाव करना आवश्यक है), यदि कोई व्यक्ति 50 से अधिक और 100 तक गिन पा रहा हैं तो खतरा अत्यल्प है, यदि 30 से अधिक और 50 तक गिन पा रहा हैं तो खतरा अधिक है, यदि 15 से अधिक और 30 तक गिन पा रहे हैं तो खतरा अत्यधिक है और 15 तक ही गिनती गीन पा रहा है तो बहुत बड़ा है।
24×7 Covid Nodal के रूप कार्य करने के अनुभव का निचोड़ कविता के माध्यम से प्रस्तुत कर साका मै।
कविता यूं हैं..
मन भर खाइये।
मन भर सोईये।।
भयमुक्त जीवन जीये।
करें हल्का व्यायाम।।
10 बार करें अनुलोम विलोम।
10 मिनट का ध्यान।।
1 सांस में गिनती करने की क्षमता का सुबह शाम करें ज्ञान।
दलहन, फल, हरी ताजी सबजीयों व सुपाच्य भोजन से करें प्यार।।
तुलसी, अदरक, काली मिर्च का लेते रहें स्वाद।
साबून पानी से रखे, अपनी स्वच्छता का ध्यान।।
मुह, नाक और आंख ढ़कें।
खांसी और छींक पर कोहनी से करें त्क्षण वार।।
नमस्ते हो परिचय आधार।
भीड़ भाड़ का करें बहिष्कार।।
कोविड का ये सब है अचूक समाधान।
कोविड से भय का अब नहीं रहा कोई आधार।।
नोट: इस कविता के रचयिता डॉ. राज किशोर सिंह हैं जोकि बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।