उत्तर प्रदेश। कानपुर पुलिस के लापरवाह रवैये को देखते हुए संजीत के परिजनों ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी।
Advertisement
अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कानपुर के संजीत यादव की अपहरण के बाद हत्या के मामले की जांच सीबीआइ से कराने का फैसला किया है।
बात दें कि कानपुर, बर्रा निवासी चमन सिंह यादव के इकलौते 28 वर्षीय बेटे संजीत यादव का 22 जून की शाम को अपहरण हो गया था।
अगले दिन परिवार के लोगों ने पूर्व थाना प्रभारी रणजीत राय को बेटे के लापता होने की तहरीर दी थी। इसके बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रही।
29 जून की शाम से अपहर्ताओं ने पिता को फोन कर 30 लाख की फिरौती मांगनी शुरू कर दी। संजीत यादव के अपहणकर्ताओं ने 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी।
पुलिस की लापरवाही पर सरकार की कार्रवाई-
कानपुर के बर्रा से लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण व हत्या मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन एएसपी अपर्णा गुप्ता तथा सीओ बर्रा मनोज गुप्ता समेत दस पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
मामले में गिरफ्तारी
इस मामले के तीन हत्यारोपी ज्ञानेंद्र यादव, कुलदीप गोस्वामी और नीलू सिंह 48 घंटे की पुलिस कस्टडी में है।
पूछताछ में यह तीनों बार-बार अपना बयान बदल रहे हैं। संजीत यादव के अपहरण व हत्या का एक आरोपी रामजी शुक्ला कोरोना पॉजिटिव है। उससे 14 दिन बाद पूछताछ की जाएगी।