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गोरखपुर मण्डल में नहीं दिखा भारत बंद का असर, रोज की तरह खुले रह बाजार

भारत बंद का गोरखपुर-बस्ती मंडल में असर नहीं दिखा। बाजार खुले रहे। अलबत्ता सड़कों पर भीड़ और वाहन कम दिखे।

आंदोलित किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरे समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं से दर्जनभर स्थानों पर पुलिस की झड़प हुई।

बस्ती में सपाइयों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं। दोनों मंडलों में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।

शहर में चप्पे-चप्पे पर फोर्स मुस्तैद रही। ड्रोन और सीसी कैमरों से गतिविधियों की निगरानी हुई।

गोरखपुर शहर में गोलघर को छोड़कर सभी प्रमुख बाजारों की मंगलवार साप्ताहिक बंदी होती है। वहां भी कुछ दुकानें खुली रहीं, जबकि गोलघर में करीब-करीब सभी दुकानें खुली। कुछ सपाई गोलघर में दुकानें बंद करने की अपील कर रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया।

समाजवादी पार्टी के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम को पुलिस ने सुबह ही उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।

कचहरी चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे सपाइयों से पुलिस की तीखी झड़प हुई।

पुलिस ने यहां से दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से जिला परिषद परिसर में पुलिस की धक्का-मुक्की हुई।

इसके बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को सबसे अधिक नौसढ़ में जूझना पड़ा।

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामनगीना साहनी और पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव के नेतृत्व में जुटे पार्टी कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों ने रोक लिया।

सपा कार्यकर्ताओं ने नौसढ़ में सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू किया तो पुलिस ने बल प्रयोग कर दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।

इसके अलावा नगर निगम परिसर से पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। आंदोलनकारियों को पुलिस लाइन व विभिन्न थानों पर ले जाया गया।

बस्ती में सुबह नौ बजे बाजार बंद कराने निकले सपाइयों पर गांधीनगर पक्के बाजार में पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं।

सपा जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव, पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी समेत आधा दर्जन पूर्व विधायक और दर्जनों कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन में बनी अस्थाई जेल में भेज दिया गया।

महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर में भी भारत बंद प्रदर्शन और गिरफ्तारी में सिमट गया। सभी दुकानें खुली रहीं। लोगों की दिनचर्या पर कोई असर नहीं पड़ा।

इनमें जिलों में भी बड़ी संख्या में विभिन्न दलों और संगठनों के नेता-कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई। वहीं कुशीनगर में कृषि बिल के समर्थन में पूर्वांचल किसान यूनियन ने समारोह आयोजित कर किसानों को सम्मानित किया।

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