Home गोरखपुर चाइनीज़ पिचकारियों पर ‛कोरोना’ का साया, व्यापार में 30 फीसदी गिरावट

चाइनीज़ पिचकारियों पर ‛कोरोना’ का साया, व्यापार में 30 फीसदी गिरावट

गोरखपुर। होली में चाइनीज पिचकारियों के बाजार पर कोरोना वायरस का कहर साफ दिख रहा है। कोरोना के चलते चीन पिचकारियों के आर्डर की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है।

साफ है, इस होली में बच्चों के हाथों में चीन की पिचकारियां पूर्व के वर्षों की तुलना में काफी कम दिखेंगी। कारोबारियों को साल भर पहले की बची चीनी पिचकारियां खरीदनी पड़ रही हैं। चीन की पुरानी पिचकारियों के दाम में भी 30 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हो गई है।

10 मार्च को होली है। कारोबारी इस ऊहापोह में हैं कि चीन की पिचकारी महंगे रेट में खरीदें या फिर देसी से काम चलाएं। इन सबके बीच वह कारोबारी मुनाफे की स्थिति में हैं जिन्होंने साल भर पहले ही पिचकारी का ऑर्डर लगा दिया था।

होली में चीन से बड़ी मात्रा में पिचकारियां और फोम स्प्रे मंगाई जाती हैं। पिछले कुछ वर्षों लोगों ने देश में बनी पिचकारियों को तरजीह देनी शुरू की है, लेकिन सस्ती होने के चलते चीन की पिचकारियों की डिमांड कम नहीं हुई है।

चीन से पिचकारी आयात करने वाले इमरान का कहना है कि जिन कारोबारियों ने साल भर पहले पिचकारियों का ऑर्डर बुक कर लिया था, उन्हें तो तय रेट पर आपूर्ति हो रही है।

लेकिन नये आर्डर 30 फीसदी अधिक कीमत पर बुक हो रहे हैं। ऐसे में लोग देश में बनी पिचकारियों का रेट ले रहे हैं। चीन की पिचकारी 30 फीसदी महंगी होने के बाद भी देश में बनी पिचकारी से सस्ती है।

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