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गोरखपुर में बचपन के दोस्तों ने बनाया वाट्सएप्प ग्रुप और लग गए लोगों की सेवा में

व्हाट्सएप पर बचपन के दोस्तो ने एक ग्रुप सहयोगी मित्र बनाया जिसमे एमजी इंटर कॉलेज से सन 2000 में पास आउट छात्र सदस्य के रूप में शामिल है। वो यह ग्रुप बनाकर वो आपस मे हंसी मजाक करते थे लेकिन जब समाज मे भयंकर महामारी आयी तो सभी सदस्यों ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपना सहयोग देने के लिए मन बना लिया।

उनका मन बनाने का कार्य किया अभिषेक चटर्जी एवं नितेश राय ने,दोनो ने सभी मित्रों से तन मन धन से सहयोग की अपील की, सबने साथ दिया और दिल खोल कर इस पुनीत कार्य के लिए सहयोग कर रहे।।अब सहयोगी मित्र ग्रुप द्वारा प्रतिदिन इस कठिन परिस्थिति में समाज के लिए कुछ ना कुछ सेवा के कार्य कर रहा है।

सहयोगी मित्र ग्रुप द्वारा सेवा भारती संगठन के सहयोग से मेडिकल कॉलेज में भोजन वितरण का कार्य निरन्तर किया जा रहा है।।जब सहयोगी मित्र आगे बढ़ा तो अब उसका साथ देने के लिए समाज के अच्छे लोग भी इस अभियान से जुड़ गए है,अलग अलग दिन ग्रुप के सदस्यों द्वारा विभिन्न सेवा कार्य किये जा रहे।।उसी क्रम में आज भोजन वितरण में भारतीय स्टेट बैंक का भी सहयोग रहा।

वही ग्रुप के सदस्यों द्वारा हमारी सुरक्षा और सेवा में सदैव तत्पर पुलिस की सुरक्षा हेतु भी अत्यंत जरूरी वस्तुए उपलब्ध करवा रहे।। आज मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी प्रभारी को व उनके सहयोगी हमराहियों और मेडिकल कॉलेज में कोविड वार्ड में सेक्युरिटी गार्ड लोगो में भी समान वितरित किया गया।

इस जरूरी सामान में इलेक्ट्रिक केतली, थरमस, भाप मशीन, थर्मल स्कैनर, फेस शील्ड, मास्क, सेनेटाइजर, ऑक्सिमिटर आदि का वितरण किया गया।।इन वस्तुओ का वितरण आगे भी जारी रहेगा।।सहयोगी मित्र ग्रुप में प्रशांत मिश्रा (सूरज), शैवाल श्रीवास्तव, अनुपम शर्मा, शुलभ वर्मा आदि सदस्य है जो सहयोग कर रहे।।

इस ग्रुप के संदर्भ में अभिषेक चटर्जी बताते है कि एमजी कालेज के हमारे बैच के छात्रों का एक ग्रुप बनाया गया है जिसका नाम सहयोगी मित्र है।।ग्रुप के सदस्य अभी विभिन्न जगहों पर कार्यरत है।।हमने इस महामारी में अपनी जिम्मेदारी होने का निर्वहन कर रहे यह हमारा धर्म है।।इसमें सभी सदस्यों का सहयोग मिल रहा।।जो लोग विदेश में है वो लोग भी बढ़ चढ़ कर सहयोग कर रहे है । जिनको आक्सीजन तथा बेड की आवश्यकता हो रही है उनको भी लगातार सहयोग कर रहे है ।

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