हाथरस कांड की जांच सीबीआई करेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के दफ्तर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
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सीएम ऑफिस की ओर से कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस केस की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए हैं।
योगी सरकार के इस आदेश के बाद गैंगरेप पीड़िता की भाभी ने कहा कि हम सीबीआई जांच नहीं चाहते हैं. केस की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
हम जज की निगरानी में जांच चाहते हैं। उन्होंने कहा हि हमारी दीदी को न्याय मिलना चाहिए।
परिवार का कहना है कि हमने सीबीआई जांच की मांग नहीं की थी। पीड़िता के भाई ने कहा कि हमारे सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। जितनी चाहे उतनी जांच होती रहे।
हमें डीएम से शिकायत है। हम खुश तब ही होंगे जब हमारे सवालों के जवाब मिलेंगे। हमारी बहन का अंतिम संस्कार ऐसे क्यों किया गया।
यूपी के उप मुख्यमंत्री कैशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की बीजेपी सरकार ने केंद्र सरकार से हाथरस प्रकरण की जांच सीबीआई द्वारा कराए जाने की सिफारिश की है।
प्रदेश के 24 करोड़ नागरिकों सहित एक-एक माता-बहन व बेटियों की रक्षा-सुरक्षा हेतु यूपी सरकार कटिबद्ध है।
सीएम योगी की ओर से ये आदेश ऐसे वक्त आया जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे थे।
दोनों नेताओं ने यहां पर गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मुलाकात की. राहुल और प्रियंका गांधी ने बंद कमरे में पीड़िता के परिवार से मुलाकात की।
इस दौरान प्रियंका गांधी ने पीड़िता की मां को गले लगाया और सांत्वना दी। परिवार से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि हम अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे।
परिवार आखिरी बार अपनी बच्ची का चेहरा नहीं देख पाया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक हम लड़ेंगे। परिवार न्यायिक जांच चाहता है।
वहीं, ये केस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। देश की सबसे बड़ी अदालत में केस को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से मामले में संज्ञान लेने की मांग की गई है।
साथ ही हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की गई है ताकि एक भी दोषी बच न पाएं।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में दोषी पुलिस वालों और मेडिकल ऑफिसर्स के खिलाफ तत्काल सस्पेंड कर करवाई की भी मांग की गई है।
याचिका में दिशा-निर्देश बनाने की भी मांग की गई ताकि भविष्य में किसी भी पीड़ित परिवार का कानून से भरोसा न उठे जैसा हाथरस के परिवार का उठा है। सुषमा मौर्या की ओर से यह याचिका दाखिल की गई है।