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गोरखपुर। विश्वविद्यालय में आज से प्रवेश के फार्म की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गयी है जिसमें EWS कोटे की सीटें भी हैं। यह आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों के प्रति सामाजिक न्याय है जिसका आधार उनका आर्थिक स्तर है। मगर उन्हें सामाजिक न्याय के साथ साथ आर्थिक न्याय भी तो चाहिए। यदि एक विद्यार्थी आर्थिक रूप से पिछड़ा है तो उससे सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी के बराबर शुल्क कैसे?
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इस संबंध में यूजीसी की नेट परीक्षा का शुल्क 2019 व 2020 इसकी मिसाल है कि इस श्रेणी का शुल्क कम किया गया है। इस मुद्दे को लेकर अधिवक्ता प्रणव द्विवेदी ने आज विश्वविद्यालय कुलपति को ज्ञापन सौंपा और EWS श्रेणी के विद्यार्थियों की शुल्क कम करने की अपील की। प्रणव द्विवेदी को उम्मीद है कि कुलपति जरूर उनकी मांग को मानेंगे और शुल्क कम करेंगे।

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