महामारी में कमीशन : लेखपालों से तहसीलदार मांग रहे भोजन में 60% कमीशन

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लॉकडाउन के दौरान लोगों को भोजन आपूर्ति करने के जिम्मेदार लेखपाल ने तहसीलदार पर 25 रुपये प्रति भोजन पैकेट कमीशन मांगने का आरोप लगाया है। उन्होंने सामुदायिक किचन प्रभारी पद से इस्तीफा देने का पत्र तहसीलदार को भेजने के साथ लेखपाल संघ को शिकायती पत्र भी लिखा है।

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जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मामले की जांच करा दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। सदर तहसील क्षेत्र के उसका में तैनात लेखपाल महेंद्र साहनी को लॉकडाउन में जरूरतमंदों को भोजन आपूर्ति करने वाले सामुदायिक रसोई का प्रभारी सात अप्रैल को बनाया गया था।

शासन की ओर से प्रति लंच पैकेट 40 रुपये दर तय की गई है। उनका आरोप है कि सदर तहसीलदार 25 रुपये एडवांस जमा कराने के बाद 15 रुपये में लंच पैकेट वितरण करने का दबाव बना रहे हैं, जो संभव नहीं है। ऐसा करने में असमर्थता जताने पर उन्हें बेईमान और चोर जैसे अपशब्द भी सुनाए जा रहे हैं।

लेखपाल संघ को पत्र लिख कर उन्होंने अवगत कराया कि तहसीलदार के तानाशाही रवैए से परेशान होकर इन हालात में काम करना उनके बस का नहीं है। समस्या का निराकरण किया जाए। उन्होंने सामुदायिक रसोई प्रभारी पद से इस्तीफा देने का पत्र तहसीलदार को भेजा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि सामुदायिक रसोई का संचालन करने में असमर्थ हैं इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं। वह रसोई में सहायक के पद पर काम कर सकते हैं।

सिद्धार्थनगर जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, जांच के आदेश दिए हैं, सत्यता के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सदर तहसीलदार सत्येंद्र सिंह ने बताया कि लेखपाल ने जो भी आरोप लगाए हैं वह निराधार हैं, सामुदायिक किचन के संचालन में लेखपाल पर खुद बकाया है, इसलिए वह आरोप लगा रहे हैं। अगर प्रशासन ने सही से जांच की तो लेखपाल का जेल जान तय है।