फोन की घंटी बजते ही चाय लेकर हाजिर हो जाता है मेहनतकश विजय सिंह चायवाला लोगों के लिए है नजीर

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हाटाबाजार।

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मोदी ने चाय की दुकान खोली थी या नहीं, चाय बेची या नहीं यह बहस 2014 के लोकसभा चुनाव में पुरे देश में सुर्खियों में बनी रही और विपक्षी नेताओं ने चाय बेचने के बात को लेकर प्रधानमंत्री पर तंज कसते रहे । चाय बेचना किसी को छोटा काम लग सकता है लेकिन चाय बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण करना और बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने वाला क्षेत्र के लोगो में नजीर भी बन सकता है।

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ऐसा ही गगहा क्षेत्र का एक युवक विजय सिंह चायवाला आधुनिक युग में बेरोजगार लोगों के लिए नजीर बन चुका है, मोबाइल की घंटी बजते ही पांच मिनट के अंदर एक किलोमीटर के एरिया में साईकिल से चाय लेकर विजय सिंह हाजिर हो जाता है , क्षेत्र में इस नवयुवक का जूनून लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है ।गगहा के ग्राम पंचायत ठठौली के टेकुआ टोला निवासी विजय सिंह करवल माता मन्दिर के पास कुछ साल पहले एक चाय की दुकान खोल कर अपना जिवकोपार्जन कर रहा था लेकिन जनूनी विजय कुछ ही समय में काफी लोकप्रिय हो गया।

इनका चाय एक किलोमीटर के दायरे में लोग मोबाइल फोन पर चाय का आर्डर देते हैं आर्डर मिलते ही चाय पांच मिनट में हाजिर हो जाता है,आज विजय चायवाले के नाम से फेमस विजय मझगावां चौराहे पर , थाना परिसर, विद्युत उपकेंद्र, बैंक आफ बड़ौदा ग्राहक सेवा केंद्र अतायर,ग्राहक सेवा केंद्र एस बी आई सहित तमाम लोग मोबाइल फोन पर चाय की डिमांड करते है और विजय चाय लेकर पांच मिनट मे हाजिर हो जाते हैं। इस विषय पर विजय ने बताया की कुछ समय पहले आर्थिक स्थिति काफी चिंताजनक थी कुछ सूझ नहीं रहा था कि अब क्या करे , आर्थिक स्थिति कमजोर होने के वजह से पढ़ाई बीच में ही छूट गई। रोजगारकी तलाश में दिल्ली भी गए लेकिन वहां भी असफलता ही हाथ लगी और वापस घर आ गया। मन परेशान था कि अब क्या करूं। काफी सोचने के बाद करवल माता मन्दिर के समीप एक चाय की दुकान खोल दिया। उन्होंने ने बताय की आज जिसे चाय की जरूरत होती है वह फोन करता है जिसके बाद हम चाय को वहां ले जाते हैं । विजय सिंह के परिवार में उनकी माता के अलावा बड़े भाई, भाभी, और बड़े भाई के चार बच्चे हैं ।

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वह खुद अविवाहित हैं तथा चाय से होने वाली आय से वह परिवार का खर्चा उठाने के साथ बड़े भाई के तीनों बच्चियों के पढ़ाई का खर्चा भी खुद बहन करते है। उन्होंने बताया कि बेटियों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से उन्होंने बेटियों को गोरखपुर में व्यवस्था की है । उन्होंने ने बताय कि बड़ी बेटी गोरखपुर में रहकर मेडिकल की तैयारी के साथ बीएससी, दूसरे नम्बर की बेटी बीकाम, तीसरे नम्बर की बेटी हाईस्कूल में पढ़ रही है।

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