देवरिया बालिका गृह सेक्स रैकेट कांड में एसआईटी को हाथ नही लग रहे अहम सबूत

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आशिष मिश्रा
देवरिया।बालगृह बालिका से सेक्स रैकेट संचालित होने का राजफाश करने के साथ ही पुलिस ने 23 महिलाओं व बच्चों को पांच अगस्त की रात मुक्त कराया था। इसमें से दो किशोर समेत 22 का 164 का न्यायालय कलम बंद बयान हुआ, जो इस समय बंद लिफाफे में है। कहा जा रहा है कि हाई-प्रोफाइल मामले का राजफाश करने के बाद पुलिस के पास इस केस को मजबूती देने के लिए कोई अहम सुबूत हाथ नहीं लगा है, जिसके चलते पुलिस की बेचैनी आज भी बढ़ी हुई है। पुलिस को उम्मीद है कि लड़कियों के न्यायालय में दर्ज 164 के बयान में कुछ मजबूत सुबूत हाथ लग सकता है। मामले की विवेचना कर रही एसआइटी अहम सुबूत हासिल करने के लिए न्यायालय में अर्जी देगी। बंद लिफाफा हाथ लगते ही केस किस तरफ जाएगा? यह बात सामने आ जाएगी। महिला इंस्पेक्टर का दर्ज किया बयान
देवरिया कांड की जांच कर रही एसआइटी की विवेचना अब जोर पकड़ने लगी है। टीम ने डाक बंगला में दो महिला इंस्पेक्टर के साथ ही महिला पुलिसकर्मियों को तलब किया और उनका बयान दर्ज किया। साथ ही सीडब्लूसी के सदस्य भी अभिलेख के साथ पहुंचे और उनसे सवाल-जवाब हुआ। कुछ कागजात में कमी मिलने की बात कही जा रही है। तीन दिन से साक्ष्य जुटा रही एसटीएफ पहुंची और प्रभारी सत्य प्रकाश ¨सह कागजात के साथ टीम के सामने पेश हुए। एसआइटी एक-एक ¨बदु को विवेचना में शामिल कर रही है। आनलाइन काटा गया विवेचना का पर्चा
एसआइटी की जांच तेज होते ही विवेचना का पर्चा काटा जाने लगा है। सूत्रों का कहना है कि रविवार को टीम ने देवरिया एसपी से एक लैपटाप सेट मंगाया और फिर आनलाइन विवेचना के लिए पर्चा भी काटना शुरू कर दिया।

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