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गोरखपुर के चिड़ियाघर के बब्बर शेर को आप ले सकते हैं गोद, जानिए क्या है योजना

गोरखपुर। प्रदेश के सबसे बड़े चिड़ियाघर शहीद अशफाकुल्लाह खान प्राणी उद्यान में आप बब्बर शेर को गोद ले सकते हैं। जी हाँ बिल्कुल सही सुना आप ने आप चिड़ियाघर के तमाम जानवरों को 3 महीने 6 महीने या फिर साल भर के लिए गोद ले सकते हैं।

हालांकि इसके लिए आपको शासन द्वारा निर्धारित कुछ फीस जमा करनी होगी। इसके बाद आप शेर, बाघ, तेंदुआ, भेड़िया, गैंडा, दरियाई घोड़ा, बारहसिंघा, चीतल, सियार, लोमड़ी, जेब्रा, बंदर, भालू, मोर जैसे तमाम जानवरों को गोद ले पाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने वन्यजीव अंगीकार योजना शुरू की है।

आज शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ एच राजा मोहन ने बताया कि सरकार की तरफ से शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत प्राणी उद्यान में उपलब्ध वन्यजीवों के भोजन एवं दवा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए और जनमानस में वन्यजीवों के प्रति करुणा भाव विकसित करने के लिए वन्यजीवों को सीमित अवधि के लिए गोद दिए जाने का प्रावधान है।

इसके लिए कोई भी आवेदन कर सकता है। मुख्यता औद्योगिक प्रतिष्ठान, स्वयंसेवी संस्थाएं, बैंकिंग संस्थाएं, शिक्षण संस्थाओं से अनुरोध करते हुए जू के निदेशक एच राजा मोहन ने कहा कि गोरखपुर के इस चिड़ियाघर के संचालन में अपनी सहभागिता बढ़ाने के लिए इन्हें आगे आना चाहिए।

यह होंगे नियम

1 प्रथम आगमन-प्रथम सेवा के  आधार पर गोद लिये जाने की प्रक्रिया का अनुपालन किया जायेगा।

2 जिस व्यक्ति संस्था द्वारा अधिकतम् दिनों लिए वन्य जीवों को गोद लिया जायेगा, उन्हे प्राथमिकता प्रदान की जायेगी।

3 गोद लिये जाने वाले व्यक्ति संस्था का नाम नियमानुसार डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित किया जायेगा।

4 गोद लिये जाने वाले वन्य जीवों से सम्बन्धित धनराशि शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान गोरखपुर सोसाइटी
के खाते में जमा करना होगा। जमा धनराशि की प्राप्ति रसीद प्राप्त होने के 10 दिन बाद से अंगीकृत (गोद लिये जाने की) योजना लागू होगी।

5 वन्य जीवों को गोद लिये जाने वाले व्यक्तिध्संस्था को प्रति त्रैमास 6 व्यक्तियों हेतु, प्रति छःमास 12 व्यक्तियों हेतु एवं प्रति वर्ष 18 व्यक्तियों हेतु निःशुल्क प्रवेश टिकट उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे की वे स्वयं द्वारा अंगीकृत वन्य जीवों को देख सकें। उक्त प्रवेश टिकट गोद लिए गए अवधि में ही मान्य होगा।

6 सदस्य-सचिव, शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान गोरखपुर सोसाइटी को यह अधिकार सुरक्षित होगा कि बिना किसी पूर्व सूचना के दर एवं नियमों में कोई परिवर्त न कर दे, जिससे किसी व्यक्ति/फर्म को कोई आपत्ति नही होगी।

7 वन्य जीवों को गोद लेने वाले व्यक्ति संस्था को आयकर अधिनियम, 1961 के धारा 80 जी के तहत कर आयकर में छूट का लाभ प्राप्त होगा।

कितना होगा गोद लेने का फीस 

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