गोरखपुर। लॉकडाउन में कौड़ियों के बजावे बिकने वाली सब्जियों के दाम कई गुना तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हालात ये हो गयी है कि लोग हरी सब्जियों से दूरी बनाने लगे हैं।
सब्जियां महंगी होने की वजह से लोगों की रसोई का जायका बिगड़ गया है। ऊंचे भाव के कारण मध्यम वर्ग के परिवारों की थाली से ज्यादातर हरी सब्जियां गायब हो चुकी हैं।
बाजार में जाकर सब्जी खरीदने के बारे में उन्हें कई बार सोचना पड़ रहा है। पिछले हफ्ते जिस सब्जी की कीमत 20 रुपये प्रति किलो थी अब वह 60 रुपये के दाम तक पहुंच चुकी है।
खेतों में पानी लगने से जहां स्थानीय सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई है वहीं बाहर से भी सब्जियां की आवक पचास फीसदी तक रह गई है।
डीजल की कीमतों में हुए इजाफे का असर सब्जियों के दामों पर पड़ रहा है। इन सभी कारणों से हरी सब्जियों के दाम अचानक से आसमान पर पहुंच गए हैं।
शहर के गोरखनाथ, कूड़ाघाट, साहबगंज, जाफरा बाजार, बशारतपुर, कृष्णानगर, बिछिया, सूरजकुंड, बेनीगंज, धर्मशाला समेत शहर के अधिकांश फुटकर बाजार में सब्जी की दुकानें भी लगनी कम हो गई हैं।
इसकी एक वजह सब्जियों का महंगा होना है। मंडी में सब्जियों की आवक पहले के मुकाबले आधी रह गई है। दूसरी तरफ स्थानीय सब्जी भी बाजार तक नहीं पहुंच रही है।
इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ रहा है। लॉकडाउन के शुरुआती दौर में भी सब्जियां इतनी महंगी नहीं बिकीं जितना पिछले तीन दिनों से बिक रही हैं।
फुटकर बाजार में सब्जियों के दाम
लौकी – 30
भिंडी – 50
कटहल – 40
बैंगन – 40
टमाटर – 80
करेला – 40
परवल – 80
कद्दू – 30
शिमला मिर्च – 200