अनोखी पहल : जिला महिला अस्पताल से गर्भवती, धात्री, जच्चा-बच्चा और नवजात को उपलब्ध करवाती हैं एंबुलेंस

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गोरखपुर। जिला महिला अस्पताल में जीवीके ईएमआरआई संस्था की तरफ से बनाए गये हेल्प डेस्क की प्रभारी प्रेमशीला (27) लोगों को एंबुलेंस सेवा से जोड़ने का कार्य कर रही हैं । वर्ष 2016 से अब तक वह 15000 से ज्यादा लाभार्थियों को 102 एंबुलेंस की निःशुल्क सेवा दिलवा चुकी हैं । वह जच्चा-बच्चा, गर्भवती, धात्री और नवजात को चिन्हित कर सेवा दिलवाती हैं । उनकी सेवा का लाभ अस्पताल के मुख्य द्वार पर बने हेल्पडेस्क पर उनसे सम्पर्क कर या फिर उनके सीयूजी नंबर 8188090397 पर सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक फोन करके प्राप्त किया जा सकता है ।

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प्रेमशीला ने वर्ष 2019 में हेल्प डेस्क ज्वाइन किया था। वह बताती हैं कि उस समय काफी प्रयास करने के बाद भी एक दिन में 10 से 12 लाभार्थियों को ही एंबुलेंस सेवा दिलवाना संभव हो पाता था। लाभार्थी एंबुलेंस से घर जाने में हिचकिचाते थे। उनका सोचना था कि एंबुलेंस लेकर गांव या मोहल्ले में जाने से लोग गलत अर्थ निकालेंगे । काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था।

हर एक वार्ड में जाकर लोगों को बताना पड़ता था कि जच्चा-बच्चा, गर्भवती, धात्री, नवजात और नसबंदी के लाभार्थियों के लिए 102 नंबर एंबुलेंस की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है । वह बताती हैं कि अभी भी एंबुलेंस के इस्तेमाल के प्रति कुछ लोगों में संकोच है लेकिन थोड़ी सी जागरूकता भी आयी है। इस वजह से अब प्रतिदिन 30 से 40 लाभार्थियों को मोटिवेट कर सेवा देना संभव हो पाता है ।

जीवीके ईएमआरआई संस्था के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण द्विवेद्वी बताते हैं कि गर्भवती, धात्री, नवजात और जच्चा बच्चा को एंबुलेंस की पिक एंड ड्रॉप सुविधा निःशुल्क दी जाती है । 102 एंबुलेंस एक बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस है जिसमें सभी आवश्यक दवाएं और प्रशिक्षित स्टॉफ होते हैं । आवश्यकता पड़ने पर एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव भी कराए गए हैं। जिला महिला अस्पताल आने वाले लाभार्थी घर जाने के लिए प्रेमशीला से सम्पर्क कर एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

जागरूक सच्चितानंद ने ली मदद
चरगांवा ब्लॉक के सेमरा गांव के रहने वाले सच्चितानंद (38) ने बताया कि उनकी पत्नी किरण के प्रसव और बच्चों को अस्पताल ले जाने में 102 नंबर की निःशुल्क एंबुलेंस सेवा का लाभ लिया गया । पहली बार जिला महिला अस्पताल में प्रेमशीला की मदद से ही एंबुलेंस की सुविधा मिली थी। उनके दो बच्चे हैं और उन बच्चों को भी अस्पताल लाने में एंबुलेंस की सुविधा उन्होंने प्राप्त की है। वह सुविधा से संतुष्ट हैं ।

एंबुलेंस सेवा सुरक्षित