कोविड-19 का कहर और भारतीय अर्थव्यवस्था
काव्या गोस्वामी, दिल्ली। कोरोना की पहली लहर से डगमगाई भारतीय अर्थव्यवस्था अभी पटरी पर आई नहीं की दूसरी लहर ने जकड़ दिया जिसे भारत की आर्थिक विकास की गति ठप हो गई। क्योंकि कोरोना वायरस से केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था ठप हो गई। करोना के कारण दुनिया की इकोनामी के साथ भारत की इकोनामी पर भी बुरा असर पड़ा है।
इस वायरस से जूझती भारतीय अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है करोना काल में फैक्ट्री मॉल अन्य प्रकार के तमाम उद्योग व्यवसाय बंद होने के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत असर पड़ा है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने कहा था कि कोरोना वायरस सिर्फ एक वैश्विक स्वस्थ संगठन नहीं बल्कि यह बड़ा लेबर मार्केट और आर्थिक संकट भी बन चुका है जो लोगों को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है लेकिन उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में देश में सब ठीक हो जाएगा।
लेकिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है भारत में रोजगार एक बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र में काम करता है लॉक डाउन की वजह से प्रवासी मजदूर अपने घर को लौटे जिससे उद्योग धंधे सब बंद हो गए जिस कारण अर्थव्यवस्था तितर-बितर हो गया।