गोरखपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जंगलकौड़िया में तैनात चिकित्सक डॉ. अखिलेश पासवान का बुधवार को कोरोना संक्रमण से निधन हो गया।
परिजनों का आरोप है कि डॉ. अखिलेश पासवान ढाई घंटे तक निजी एंबुलेंस में पड़े रहे लेकिन बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जगह नहीं मिल सकी। उन्होंने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। इससे नाराज परिजनों ने हंगामा भी किया है।
डॉ. अखिलेश पासवान मूलरूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं। वह पत्नी, तीन साल के बेटे व माता-पिता के साथ भटहट क्षेत्र में रहते हैं।
इसी बीच वह कोरोना संक्रमित हो गए। बुधवार सुबह सात बजे सांस लेने में दिक्कत हुई और ऑक्सीजन लेवल कम हो गया।
इससे परेशान परिजनों ने उन्हें सावित्री अस्पताल में भर्ती कराया। दोपहर बाद ऑक्सीजन लेवल अचानक 60 पर आ गया।
इसके बाद डॉक्टरों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने की सलाह दी। सीएचसी का स्टॉफ और परिजन उनको निजी एंबुलेंस से लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
परिजनों का आरोप है कि डॉ. अखिलेश ढाई घंटे तक एंबुलेंस में पड़े रहे। ऑक्सीजन लेवल लगातार कम होता गया। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से डॉक्टर को भर्ती करने की गुहार लगाई गई लेकिन बेड खाली न होने का हवाला दिया गया।
इसपर स्टॉफ की बात भी कही गई लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। इस बीच एंबुलेंस में ही डॉ. अखिलेश पासवान की मौत हो गई।