कुशीनगर एयरपोर्ट पर संकट के बादल, रक्षा मंत्रालय ने किया जमीन पर अपना दावा

645

कुशीनगर। रक्षा मंत्रालय के एक पत्र से कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उड़ानों की उम्मीदों खटाई में पड़ती नज़र आरही है। एयरपोर्ट के जमीन में शामिल किए पूर्व की एयरस्ट्रिप की जमीन सहित 19 गांवों में स्थित कुल 275.47 एकड़ भूमि पर रक्षा मंत्रालय ने अपना दावा पेश किया है।

Advertisement

यही नहीं रक्षा संपदा अधिकारी ने डीएम से उस जमीन के कागजात (खसरा खतौनी) तथा राजस्व मानचित्र में रक्षा मंत्रालय भारत सरकार का नाम चढ़ा कर प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराने की अपेक्षा भी की है।

रक्षा मंत्रालय के इस कदम से एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने को लेकर पेंच फंस सकता है। नए व्यावसायिक एयरपोर्ट का निर्माण 589.35 एकड़ क्षेत्रफल में हुआ है। इसमें किसानों से खरीदी गई 455.794 एकड़ भूमि का इस्तेमाल किया गया है।

शेष भूमि पूर्व के एयरस्ट्रिप की थी। एयरस्ट्रिप की भूमि का प्रबंधन रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले रक्षा संपदा अधिकारी इलाहाबाद ने अपने पास होने का दावा किया है।

रक्षा संपदा अधिकारी विनीत कुमार ने 12 मई को डीएम को एक पत्र भेजा। इसमें रक्षा मंत्रालय में उपलब्ध पुराने राजस्व अभिलेखों के आधार पर उक्त भूमि को कसया तहसील के 19 गांवों में स्थित होना बताते हुए इसे रक्षा मंत्रालय की संपत्ति बताया गया है।

पुराने अभिलेखों में उक्त भूमि रक्षा संपदा, सड़क हवाई अड्डा, सड़क एयरोड्रम और नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज है। रक्षा संपदा अधिकारी ने पत्र के साथ मंत्रालय का एसएलआर अभिलेख व अधिग्रहण के दौरान प्राप्त राजस्व अभिलेख की प्रति भी भेजी है।