लॉकडाउन में ऐसे फंसे बाराती कि अब जिंदगी भर बारात से ही कर लेंगे तौबा

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कानपुर। कानपुर के करीम नगर से बिहार के बेगूसराय गई बरात कोरोना के चलते 50 दिन से वहीं बारात कर रही है। 21 मार्च को निकाह के अगले दिन जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन में बराती ऐसे फंसे कि लड़की पक्ष वाले ही मुसीबत में आगये। वह सभी लोग 10 बरातियों और दूल्हे की खातिरदारी करते हुए कंगाल हो चुके हैं।

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कानपुर का दूल्हा मोहम्मद इम्तियाज और उसके दस फैमली मेम्बर 20 मार्च को बेगूसराय के बलिया थानाक्षेत्र के फतेहपुर गांव बरात लेकर पहुंचे थे। उसकी बहन आफरीन ने बताया कि 21 मार्च को खुशबू खातून के साथ उसका निकाह हुआ। इसके अगले दिन जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन की वजह से वहीं फंसे हैं।

कुछ दिन में ही इम्तियाज और उसके परिजनों का रुपया भी खत्म हो गया। ऐसे में खुशबू के परिवार वाले ही किसी तरह कुछ दिन सभी के खाने-पीने का इंतजाम किया। दरअसल, खुशबू के परिजन भी आर्थिक रूप से कमजोर हैं। ऐसे में अब वे लोगों से मदद लेकर बरात के खाने का इंतजाम कर रहे हैं।

इम्तियाज ने बताया कि उसने स्थानीय प्रशासन के सामने अपनी समस्या रखी है। दुल्हन के साथ घर लौटने में मदद करने की भी गुजारिश की है। इस पर स्थानीय अधिकारियों ने खुशबू के घर पहुंचकर उनकी आर्थिक मदद के साथ जल्द ही कानपुर भेजने का प्रबंध करने का आश्वासन दिया है। इम्तियाज के साथ उसके उसकी मां शरीना बेगम, भाई अकरम और अन्य रिश्तेदार बारात गए हुए हैं।