गोरखपुर। जिले के सभी डिलेवरी प्वाइंट पर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाए और न्यूनतम लक्ष्य को अवश्य पूरा करें । साथ ही जिन नवजात शिशुओं का संस्थागत प्रसव हो रहा है उनसे सम्बन्धित स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जाए ।
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उक्त दिशा निर्देश मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा ने जिला स्वास्थ्य समिति की मंगलवार को देर शाम तक चली बैठक के दौरान दिये । बैठक के दौरान स्वास्थ्य और पोषण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी, जिसमें पल्स पोलियो अभियान, फाइलेरिया अभियान और आयुष्मान भारत योजना को सफल बनाने पर विशेष जोर दिया गया ।
मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक के दौरान निर्देश दिया कि छाया वीएचएसएनडी सत्रों पर सभी दवाओं और उपकरणों की शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित हो । सत्र स्थल से ही गर्भवती को प्रेरित किया जाए कि वह सरकारी अस्पतालों में ही प्रसव कराएं ।
प्रसव कक्ष से ही प्रत्येक प्रसव से जुड़ा विवरण मंत्रा एप पर फीड किया जाए । जिन ब्लॉक में कम संस्थागत प्रसव हो रहे हैं और मंत्रा एप पर फीडिंग भी कम हो रही है उनकी जवाबदेही तय की जाए । जो नवजात शिशु अस्पताल में प्रसव के बाद घर चले जाते हैं उनके यहां आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण करें और हालचाल लेती रहें।
माता को छह माह तक सिर्फ स्तनपान के लिए प्रेरित करें और अगर बच्चे को बुखार की दिक्कत हो तो तुरंत स्थानीय एनबीएसयू या फिर जिला महिला अस्पताल में संचालित एसएनसीयू में लेकर जाएं । बच्चों का सम्पूर्ण प्रतिरक्षण करवाना भी सुनिश्चित करें । जिले में 28 मई से प्रस्तावित पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए समुदाय को जागरूक करें ।
अगस्त में प्रस्तावित फाइलेरिया के सर्वजन दवा सेवा (एमडीए) कार्यक्रम के प्रति अभी से लोगों को जागरूक करें । आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों तक पहुंच कर उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए प्रेरित करें ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जिले के 80 फीसदी कोल्ड चेन ए ग्रेड में हैं।
इसका आशय है कि सरकारी अस्पतालों से गुणवत्तापूर्ण टीके लगाए जा रहे हैं । सभी अभिभावक पांच साल में सात बार बच्चों का नियमित टीकाकरण अवश्य कराएं । पल्स पोलियो अभियान अब वर्ष में सिर्फ एक बार चल रहा है ।
अभिभावक पोलियो टीम के घर आने का इंतजार न करें, बल्कि 28 मई को बूथ दिवस पर ही जाकर पांच साल तक के बच्चों को पोलियो का ड्रॉप पिलवाएं ।
निकटतम बूथ की जानकारी के लिए आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम से सम्पर्क कर सकते हैं । पिछले वर्ष मई माह में चले एमडीए अभियान में 85 फीसदी लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा खाई थी । इस बार सामूहिक सहयोग से 95 फीसदी लोगों को दवा खिलाना है ।
बैठक के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, यूएनडीपी और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के प्रतिनिधियों ने भी प्रस्तुति दी ।
इस अवसर पर जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ अम्बुज श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह, एसीएमओ डॉ नंद कुमार, डॉ नंदलाल कुशवाहा, डॉ गणेश यादव, डीएमओ अंगद सिंह डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से पवन गुप्ता, डॉ अर्चना, डॉ सिद्धेश्वरी, सुरेश सिंह चौहान, डॉ मुकुल, डॉ कमलेश, एएन मिश्रा, विजय श्रीवास्तव और आदिल फखर व पाथ एवं यूपीटीएसयू संस्था के प्रतिनिधि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।
घटते लिंगानुपात पर दें ध्यान
यूनिसेफ के प्रतिनिधि ने बताया कि जिले में लिंगानुपात 890 प्रति 1000 मेल चाइल्ड है। इस पर सीडीओ और सीएमओ ने कहा कि यह एक चिंता का विषय है।
सभी अधिकारी इस पर विशेष ध्यान दें। यह भी देखें कि अगर कहीं अवैध लिंग जांच व लिंग के आधार पर गर्भपात किया जा रहा है तो तत्काल कठोर कार्रवाई करें।
मुखबिर योजना के तहत ऐसे केंद्र को पकड़वाने पर गर्भवती व सहयोगी के लिए पुरस्कार राशि का भी प्रावधान है।