दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तैयारियां सभी पार्टियों ने शुरू कर दी है, NDA और INDIA दोनों ही अब एक दूसरे पर वार पलटवार भी करने लगे हैं, NDA की मानें तो INDIA गठबंधन स्वार्थ का गठबंधन है जो मोदी को हराने के लिए मात्र बनाया गया है इसका भारत की उन्नति और विकास से कुछ नहीं लेना देना है।
इस बीच सीटों को लेकर अभी से ही खींचा खींची शुरू हो चुकी है, कौन सी पार्टी को कितनी सीटें देनी है कौन कहां से चुनाव लड़ेगा इसको लेकर लगातार बैठकें चल रही हैं। बैठक और बातचीत अभी चल ही रही है कि इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बड़ा बयान सामने आया है, एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने कहा है कि वो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे लेकिन सीट कौन सी होगी ये पार्टी तय करेगी।
अखिलेश यादव ने ये साफ नहीं किया कि वो मैनपुरी से लड़ेंगे या आजमगढ़ से, हालांकि तंज कसते हुए उन्होंने पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए ये जरूर कहा कि BJP अगर वाराणसी से उन्हें चुनाव लडने का चैलेंज देगी तो वो वहां से जरूर लड़ेंगे। उन्होंने कहा हम यूपी की राजनीति करते हैं हमारा हर कार्यकर्ता प्रदेश की उन्नति के लिए काम करता है।
आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़े थे जहां उन्होंने अच्छे मार्जिन से जीत दर्ज की थी लेकिन फिर 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव लडने के लिए अखिलेश यादव ने आजमगढ़ सीट छोड़ दी थी जहां हुए उपचुनाव में सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ ने हरा दिया था।
आजमगढ़ सीट सपा की सीट मानी जाती है क्योंकि वहां मुस्लिम और यादव वोटरों की संख्या ज्यादा है, लेकिन उपचुनाव में सपा ने ये सीट गवां दिया। अखिलेश यादव मैनपुरी के करहल से विधानसभा चुनाव जीत कर सदन पहुंचे लेकिन आजमगढ़ सीट ना बचा सकें, विशेषज्ञों की माने तो अखिलेश यादव आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में प्रचार करने गए ही नहीं और बीएसपी की तरफ से लड़ रहे गुड्डू जमाली को इसका भरपूर फायदा मिला और यही कारण है कि सपा बसपा की लड़ाई में आजमगढ़ से बीजेपी बाजी मार गई और दिनेश लाल यादव वहां से चुनाव जीत गए।