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पोखरी पर चंद ट्राली मिट्टी गिरा कर करा दिया 6.5 लाख का काम

पनियरा। महराजगंज जिले के पनियरा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम सभा इलाहाबाद का मामला जहाँ प्रदेश सरकार मनरेगा मजदूरों को गांव में रोजगार देने के लिए गारंटी ले रही है, वही इलाहाबाद गांव में दो पोखरों पर चंद ट्राली से मिटी गिरा कर उसका मेड़बन्दी कर दिया गया।

जबकि पोखरे में मत्स्य पालन का काम होता है और पोखरा लबालब पानी से भरा हुआ है। उक्त ग्राम सभा में 6.5 लाख रुपये के मनरेगा मजदूरी का बंदरबाट सामने आया है।

दो पोखरों में पहले से ही पानी भरा हुआ है। जबकि पोखरे में मत्स्य पालन करने वाले को बिना कोई नोटिस दिए अचानक काम कराकर ग्राम प्रधान अपने जेब को गर्म कर रहे हैं। ऐसी हालत मनरेगा मजदूरों को रोजगार देने की सरकार का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है।

इस सम्बंध में मनरेगा पीडी रामकरन पाल से पूछे जाने पर बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। अगर इस तरह का कार्य ग्राम प्रधान के द्वारा किया गया है तो मामले का जांच कराकर उचित कार्यवाई की जाएगी।

वहीं ग्राम प्रधान धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि राजनीतिक विरोधियों द्वारा रात में ही पानी भर दिया गया था इसलिए टाली से मिट्टी गिराकर कार्य कराया गया है। प्रधान की बात वहीं पकड़ में आ जा रही है कि किस विरोधी के पास इतना धन है कि अपना पैसा खर्च करके पोखरे में पानी में डालेगा।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जब पोखरे में पानी भरा था तो क्या जरूरत थी इस काम को कराने की? आखिर सुंदरीकरण के नाम पर इतना बड़ा गोलमाल किसके इशारे पर किया जा रहा था?

जबकि गांव के कई लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दोनों पोखरे में पहले से ही पानी भरा हुआ था। लेकिन प्रधान साहब चुनाव नजदीक देखते ही सरकारी धन के बंदरबांट करने में लग गए हैं और वह भी इस समय जब कोरोना महामारी के समय बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को प्रदेश की योगी सरकार रोजगार देने की बात कह रही है। लेकिन रोजगार कितना दिया गया है यह चंद ट्रालियों से मिट्टी गिराकर पोखरे के सुंदरीकरण कराने से अपने आप ही पता लग जा रहा है।

वैसे ग्राम प्रधान साहब का यह भी कहना है कि गांव में काम ही नहीं है तो क्या करें। जबकि अभी भी गांव में कई ऐसे जगह है जहां मनरेगा के मजदूरों को रोजगार देकर काम कराया जा सकता है। लेकिन भला हो प्रधान की नियत का जहां मोटी कमाई दिखी वही काम उन्हें दिखाई दे रहा है। जबकी पोखरा पानी से लबालब भरा हुआ है। अब दखने वाली बात होगी कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी क्या कार्यवाही करते है।

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