Home उत्तर प्रदेश तो क्या गोरखपुर में फ़िल्म बनने से युवाओं को मिल जाएगा रोजगार?

तो क्या गोरखपुर में फ़िल्म बनने से युवाओं को मिल जाएगा रोजगार?

नीतीश गुप्ता, गोरखपुर। सीएम सिटी गोरखपुर यूं तो हमेशा से ही चर्चा में बना रहता है लेकिन जबसे प्रदेश की कमान योगी आदित्यनाथ ने थामी है और यहां के सांसद भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन बने हैं तभी से इस जिले पर लोगों की नजरें टिकी हैं और यहां के निवासियों की उम्मीदें दोगुनी हो गयी है।

2019 के लोकसभा चुनाव में जब रवि किशन चुनाव प्रचार कर रहे थे तो उन्होंने कहा था कि अब वो फ़िल्म की शूटिंग बम्बई में नहीं बल्कि गोरखपुर में करेंगे। उन्होंने कहा था कि उनकी कोशिश रहेगी कि जिले के तमाम युवाओं को फ़िल्म जगत में रोजगार मिले।

अभी हाल ही में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी में फ़िल्म सिटी बनाने की बात की तो पूरे देश में ये चर्चा का विषय बन गया। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लोगों की जुबां पर यूपी का नाम था। फ़िल्म सिटी बनाने को लेकर जमीन भी देखे जाने लगी।

इन तमाम फैसलों के बाद ऐसा लगा जैसे मानों अब तो हर जिले से खासकर गोरखपुर से अमिताभ, सलमान, सनी देओल, आलिया भट्ट, ऐश्वर्या राय जैसे कलाकार उभर कर सामने आएंगे। युवाओं में फिलम्बाजी का ऐसा शौक चढ़ा कि आये दिन सोशल मीडिया पर तरह तरह के ड्रामे देखने को मिलने लगे।

खैर इस बीच सांसद रवि किशन गोरखपुर में भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ और आम्रपाली के साथ जिसका नाम है “ठीक है” का मुहूर्त करने पहुँचे। धूमधाम के साथ कोरोना महामारी के बीच नौकाविहार पर इसका मुहूर्त हुआ रवि किशन बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। इस दौरान मीडिया से बातचीत में रवि किशन ने कई बार कहा कि “सब बम बम बा, यहां फ़िल्म की सूटिंग होले और यूपी में फ़िल्म सिटी बनले से कई युवाओं को रोजगार मिली” ‘यूपी में फ़िल्म सिटी बनला से स्थानीय कलाकारों की कला उभर कर सामने आएगी और अब बम्बई की जगह अपने यूपी में ही युवा कलाकार बन पैसा कमाएगा।’

खैर ये बात सच है कि यूपी में फ़िल्म सिटी बनने से बहुत से लोगों को रोजगार मिलेगा, ये बात सच है कि यूपी में फ़िल्म सिटी बनने से बहुत से लोगों की किस्मत बदलेगी लेकिन सवाल ये कि-

आखिर रोजगार का मानक तय कौन करेगा?

क्या उच्च शिक्षा लेकर हर युवा कलाकर बनेगा?

फ़िल्म सिटी बनेगा तो रोजगार किस प्रकार के युवाओं को मिलेगा मतलब उनकी शिक्षा या कला कैसे होनी चाहिए?

गोरखपुर में फ़िल्म की सूटिंग होने भर से क्या युवाओं को रोजगार मिल जाएगा?

सबसे महत्वपूर्ण सवाल कि क्या जिले के कलाकारों को फ़िल्म में रोल निभाने का काम मिलेगा या फिर हर बार की तरह वो दर्शक की तरह सूटिंग देख अपना काम चलाएगा?

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