गोरखपुर। जिले में बहने वाली सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बंधों का निरीक्षण किया।
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दो जगहों पर डूबे लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ और पीएसी के गोताखोरों को तैनात किया गया है।
वहीं बाढ़ से प्रभावित जिले के 29 गांवों में 34 नावें मुहैया करा दी गई हैं जिनके जरिये ग्रामीणों का आना-जाना हो रहा है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सिंचाई विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक जिले में बहने वाली राप्ती, रोहिन, कुआनों और सरयू खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। नदियों का पानी बंधों पर दबाव बनाने लगा है।
आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर नदियां तेजी से कटान कर रही हैं। बाढ़ का पानी कुछ गांवों में फैल गया है। जिले में तकरीबन 29 गांवों को नदियों का पानी प्रभावित कर रहा है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व तथा प्रभारी अधिकारी आपदा ने शनिवार को बड़हलगंज और गोला इलाके में राप्ती के बढ़ते जल स्तर और उससे प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया गया।
जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन के निर्देश पर जिले के उप जिलाधिकारियों तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा बंधों का निरीक्षण किया जा रहा है।
सहजनवां और खजनी इलाके में दो लोगों के डूबने की सूचना पर प्रशासन ने सक्रियता दिखाई।
सहजनवां इलाके में एनडीआरएफ तथा खजनी इलाके में पीएसी के प्रशिक्षित गोताखोर डूबे हुए लोगों की तलाश में जुटे रहे।
बारिश और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही सिंचाई विभाग, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को सतर्क रहने को कहा गया है।