गोरखपुर यानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर, शहर के लोग भी अपने आप को काफी गरवान्तित महसूस करते हैं जब बात अपने शहर की होती है. शहर के लोगों को उम्मीद थी कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद शहर की दशा बदलेगी,,लोगों को उम्मीद था कि पिछले कई सालों से बदहाली की मार झेल रहा गोरखपुर सुंदर बनेगा और उनके समस्याओं का निस्तारण होगा. पर क्या ये सब हुआ?
क्या हमारा शहर गोरखपुर बदला?
क्या अब गोरखपुर बदहाली की मार नहीं झेल रहा? क्या अब नगर निगम अपना काम ईमानदारी से कर रहा है?
शायद ईमानदारी से अगर आप सोचे तो इसका एक ही जवाब मिलेगा और वो है नहीं ?
अगर हमारा शहर बदला होता तो आज शहर की तस्वीर बदल जाती, ट्रैफिक की मार झेल रहे लोगों को राहत मिलती.
बारिश से सड़को पर लगे पानी से लोगों को निजात मिलती. मगर ऐसा हुआ नहीं. आज बिन बादल हुई बारिश के बाद शहर की तमाम सड़के पानी में डूब गयी जिसकी वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. अब सवाल उठता है कि:
क्या नगर निगम अपना काम ईमानदारी से कर रहा है?
क्या गोरखपुर के मेयर काम कर रहे हैं?
ऐसे कई सवाल हैं जो हमें ये सोचने पर मजबूर कर देगा कि क्या वाकई हम मुख्यमंत्री के शहर के हैं?