गोरखपुर। गोरखपुर महोत्सव 2020 (शिल्प मेला) गोरखपुर के तत्वावधान में एक कवि सम्मेलन का आयोजन गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर में किया गया। जिसमें पूर्वांचल के सुप्रसिद्ध कवियों एवं शायरों ने अपनी कविता शायरी और ग़ज़लों से सबका दिल मोह लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व प्रसिद्ध शायर व संचालक डॉक्टर कलीम कैंसर ने किया। जबकि संचालन गोरखपुर के युवा शायर व समाजसेवी मिन्नत गोरखपुरी ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ राकेश श्रीवास्तव ने अपने हाथों से दीप प्रज्वलित करके किया। कवि सम्मेलन का आरंभ करते हुए डॉक्टर चारुशिला सिंह ने सरस्वती वंदना के साथ शानदार आगाज किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए युवा शायर मिन्नत गोरखपुरी ने जैसे ही इन पंक्तियों को पढ़ा सब लोग झूम उठे। दिया बनूं तो पतिंगा नसीबो मुझको, नहाना चाहो तो गंगा नसीब हो मुझको, मेरी आरजू है और तमन्ना तो बस यही, यू मरू की तिरंगा नसीब हो मुझको अध्यक्षता करते हुए डॉ० कलीम कैसर ने जब अपनी यह पंक्तियां पढ़ी लोग खुद को तालियां बजाने से नहीं रोक सके।
युगों युगों गूँजे ये नारा केवल इक दो सदी नहीं, भारत जैसा देश नहीं और गंगा जैसी नदी नहीं इसी क्रम में नुसरत अतीक ने
अपनी, बदसूरती करो महसूस
हम तुम्हें आईना नहीं देगे।
डॉक्टर चारूशीला सिंह_
प्रेम ही मेरी ताकत है पहचान है,
इसीलिए तो सदा हार जाती हूं मैं।।
सैयद आसिफ राऊफ_
हिंदू मुस्लिम झगड़े में जब सारा लहू बहा दोगे,
सरहद पर जब भारत माता खू मांगेगी क्या दोगे।।
राजेश राज_
जो बेटा किसी किसान का है,
ये बच्चा हिंदुस्तान का है।।
भीमसेन सिंह “उज्जवल”_
एक निर्भया सिहर रही,
अभिव्यक्तिया ठहर रही।।
भावना द्विवेदी_
तुम्हारे प्यार में पड़कर जहर मैं खा नहीं सकती,
लुटा कर घर की इज्जत को मोहब्बत पा नहीं सकती।।
इस अवसर पर पूर्व मेयर डॉक्टर सत्या पांडे, मुमताज खान, आशीष रुंगटा, सुधा मोदी, शमशाद आलम एडवोकेट,प्रवीण श्रीवास्तव, शवाल शंकर श्रीवास्तव, अरशद अहमद, अनीता पाल सिंह, सुनीशा श्रीवास्तव, राज शेख, मोहम्मद अरशद, मोहम्मद सेराज सानू, सरदार जसपाल सिंह, शाहिन शेख,आदि उपस्थित रहे।