नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 12 अक्टूबर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा संबोधित किया। इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष भी उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, आप सभी को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई।
ये आयोजन आज ऐसे समय हो रहा है, जब हमारा देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हमारे लिए मानव अधिकारों की प्रेरणा का, मानव अधिकार के मूल्यों का बहुत बड़ा श्रोत आजादी के लिए हमारा आंदोलन,हमारा इतिहास है।हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया। एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया। एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध की हिंसा में झुलस रही थी, भारत ने पूरे विश्व को ‘अधिकार और अहिंसा’ का मार्ग सुझाया।
पीएम मोदी ने कहा, हमारे बापू को देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व मानवाधिकारों और मानवीय मूल्यों के प्रतीक के रूप में देखता है। ये हम सभी का सौभाग्य है कि आज अमृत महोत्सव के जरिए हम महात्मा गांधी के उन मूल्यों और आदर्शों को जीने का संकल्प ले रहे हैं। मुझे संतोष है कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत के इन नैतिक संकल्पों को ताकत दे रहा है, अपना सहयोग कर रहा है।
आजादी के बाद भी भारत ने लगातार विश्व को समानता और मानव अधिकारों के जुड़े विषयों पर नया विजन दिया है। बीते दशकों में ऐसे कितने ही अवसर विश्व के सामने आए हैं, जब दुनिया भ्रमित हुई है, भटकी है। लेकिन भारत मानवाधिकारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहा है, संवेदनशील रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, आज देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र पर चल रहा है। ये एक तरह से मानव अधिकार को सुनिश्चित करने की ही मूल भावना है। इस 15 अगस्त को देश से बात करते हुए मैंने इस बात पर बल दिया है कि अब हमें मूलभूत सुविधाओं को शत-प्रतिशत सेचुरेशन तक लेकर जाना है। ये शत-प्रतिशत सेचुरेशन का अभियान समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के अधिकारों को सुनिश्चित करने की है। बीते वर्षों में देश ने अलग-अलग वर्गों में, अलग-अलग स्तर पर हो रहे अन्याय को भी दूर करने का प्रयास किया है।दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रही थीं। हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया है। आज महिलाओं के लिए काम के अनेक सेक्टर्स को खोला गया है, वो 24 घंटे सुरक्षा के साथ काम कर सकें, इसे सुनिश्चित किया जा रहा है। दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा नहीं कर पा रहे लेकिन भारत आज career women को 26 हफ्ते की paid maternity leave दे रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, बेटियों की सुरक्षा से जुड़े अनेक कानूनी कदम बीते वर्षों में उठाए गए हैं। देश के 700 से अधिक जिलों में वन स्टॉप सेंटर चल रहे हैं। जहां एक ही जगह पर महिलाओं को मेडिकल सहायता, पुलिस सुरक्षा, कानूनी मदद और अस्थाई आश्रय दिया जाता है।
महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की जल्द से जल्द सुनवाई हो इसके लिए देशभर में 650 से ज्यादा फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई गई है। रेप जैसे जघन्य अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान भी किया गया है। भारत ने इसी कोरोना काल में गरीबों, असहायों, बुजुर्गों को सीधे उनके खाते में आर्थिक सहायता दी है। प्रवासी श्रमिकों के लिए ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ की सुविधा भी शुरू की गई है, ताकि वो देश में कहीं भी जाएं, उन्हें राशन के लिए भटकना न पड़े।
पीएम मोदी ने कहा, वैश्विक महामारी के ऐसे कठिन समय में भी भारत ने इस बात का प्रयास किया कि एक भी गरीब को भूखा नहीं रहना पड़े। दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन आज भी भारत 80 करोड़ लागों को मूफ्त अनाज मुहैया करा रहा है। मानवाधिकारों से जुड़ा एक और पक्ष है, जिसकी चर्चा मैं आज करना चाहता हूं। हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्याख्या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं। पीएम मोदी ने कहा, मानवाधिकारों से जुड़ा एक और पक्ष है, जिसकी चर्चा मैं आज करना चाहता हूं।
हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्याख्या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं। एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता। इस प्रकार की मानसिकता भी मानवाधिकार को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाती है।