माफिया राकेश यादव ने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

1913

अंडरग्राउंड होकर जमीन का धंधा करने वाला माफिया राकेश यादव बदमाशों की सूची में गोरखपुर जिले के टॉप-10 और प्रदेश के टॉप-61 में शामिल है। राकेश यादव की जड़ें जमीन के धंधे में इतनी गहरी हैं कि विवादित भूमि पर कब्जा करने से लेकर उसे बेचने तक में कोई हस्तक्षेप नहीं करता है। पुलिस को कई दिनों से उसकी तलाश थी लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिल रहा था।

Advertisement

माफिया राकेश यादव ने पुलिस को चकमा देते हुए शनिवार को कोर्ट में आत्मसमपर्ण कर दिया। 90 के दशक में अपराध में कदम रखने वाले इस माफिया पर 52 मुकदमे दर्ज हैं। सबसे ज्यादा चर्चा में वह 25 मार्च 1996 को तब आया जब मानीराम के तत्कालीन विधायक ओमप्रकाश पासवान की माल्हनपार रोड पर चुनावी जनसभा में बम मारकर हत्या कर दी गई और राकेश यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया। माफिया राकेश यादव ने जेल से छूटने के बाद लंंबे समय तक नेपाल में शरण ली थी।

माफिया राकेश यादव पर दर्ज मुकदमों में से छह मामलों में अब पुलिस कोर्ट में पैरवी करेगी। कोर्ट में गवाही, साक्ष्य प्रस्तुत कराएगी ताकि सजा हो सके। एसपी नार्थ मनोज अवस्थी के मुताबिक, पीपीगंज थाने में दर्ज गैंगस्टर केस अपराध संख्या 89/91, गुलरिहा थाने में दर्ज 332/99, गुलरिहा में दर्ज आर्म्स एक्ट अपराध संख्या 333/99, गुलरिहा के अपराध संख्या 600/19, पिपराइच में दर्ज अपराध संख्या 77/2020, गुलरिहा एक्ट अपराध संख्या 870/20 की पैरवी पुलिस करेगी।