बीटेक के बाद एमए करने की योजना बना रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपने नियमों में तब्दीली की है। नए नियमों के अनुसार बीटेक उपाधि लेने वाले युवा व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में एमए की परीक्षा दे सकते हैं। हालांकि यह सुविधा केवल उन्हीं विषयों में मिल सकेगी, जिनमें प्रायोगिक परीक्षा न होती हो।
गोरखपुर विवि की प्रवेश समिति की बैठक हुई। इसमें बीटेक उपाधिधारकों को व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में एमए की परीक्षा देने बाबत नियमों में बदलाव को हरी झंडी दी गई। साथ ही नए सत्र की साझा स्नातक प्रवेश परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा भी हुई। ‘सवर्ण आरक्षण’ बाबत शासनादेश न मिलने के चलते फिलहाल दाखिले की सीटों पर आरक्षण लागू करने पर कोई निर्णय नहीं हो सका। इस बार की संयुक्त स्नातक प्रवेश परीक्षा में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ पाठ्यक्रम के लिए भी आवेदन मंगाए जाएंगे।