कुशीनगर: जाबांज साथियों की शहादत के बाद से ही जन्माष्टमी नहीं मनाती पुलिस

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कुशीनगर । जन्माष्टमी के दिन सभी थानों और पुलिस लाइनों में धूमधाम होती है लेकिन कुशीनगर में ऐसा नहीं होता। जिला बनने के ही वर्ष 30 अगस्त-1994 को कुशीनगर की पुलिस लाइन में जिले भर के पुलिस कर्मी जन्माष्टमी मनाने जुटे थे। उसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के बांसी नदी के पचरुखिया घाट पार जंगल में डकैत जुटे हैं।
इस सूचना पर तत्कालीन एसओ तरयासुजान अनिल पाण्डेय के नेतृत्व में पुलिस फोर्स डकैतों का सफाया करने निकल गई। दो नांव से पुलिस ने बांसी नदी पार भी कर लिया, लेकिन मुखबिर की गद्दारी से पुलिस के पहुंचने से पहले ही डकैत वहां से हट गए थे। फिर पहली नांव से कोतवाली पुलिस नदी पार कर वापस आ गई, लेकिन दूसरी नांव जैसे ही बीच नदी में आई कि घाट के किनारे झाडि़यों में छिपे डकैतों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी।

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पहली गोली नाविक भुक्खल मुसहर को लगी, जिससे नांव डगमगा गई। पुलिस टीम ने जवाबी फायरिंग की तो नांव ही पलट गई और नांव पर सवार छह पुलिस कर्मी नदी में गिर गए।