बिट्टू तिवारी।
सीएम सिटी गोरखपुर में आजकल ‘कड़कनाथ’ मुर्गा काफी चर्चाओं में है. मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाके में मिलने वाला ये मुर्गा अब गोरखपुर के बाजारों में भी उपलब्ध है. ‘कड़कनाथ’ की कीमत 1200 रुपये है. एक मुर्गे में करीब डेढ़ किलो गोश्त निकलेगा. ‘कड़कनाथ’ को ‘कालीमासी’ भी कहते हैं. बता दें कि ‘कड़कनाथ’ की मांग सर्दियों के दिनों में देश ही नहीं, विदेशों में भी होती है. हमेशा याद रहने वाले लजीज स्वाद आदि के लिए पहचाने जाने वाले कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गों की मांग काफी बढ़ गई है. बता दें कि ‘कड़कनाथ’ मुर्गे की चोंच, कलंगी, जुबान, टांगे, नाखून चमड़ी सभी काले होते है.शहर के रेती चौक मदीना मस्जिद के पास फैमिली चिकन शॉप की दुकान चालने वाले जियाउल्लाह उर्फ मुन्नू ने न्यूज18 से बातचीत में बताया कि मध्य प्रदेश से ‘कड़कनाथ’ मुर्गा गोरखपुर शहर में पहली बार मंगाया गया है. मुन्नू कहते हैं कि इसकी खासियत है कि इसके गोश्त में फैट नहीं होता है. ये प्रोटीन और आयरन से भरपूर होता है. वहीं इसमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है. यही वजह है कि इसे औषधीय गुणों वाला मुर्गा माना जाता है. बीमार और ऐसे लोग जिन्हें डॉक्टर ने फैटी मांस खाने से मना किया है, वे इसे खा सकते हैं.
‘कड़कनाथ’ मुर्गा
उन्होंने बताया कि ‘कड़कनाथ’ की मांग सर्दियों के दिनों में देश ही नहीं, विदेशों में भी होती है. हमेशा याद रहने वाले लजीज स्वाद आदि के लिए पहचाने जाने वाले कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गों की मांग काफी बढ़ गई है. वे कहते हैं कि देखते हैं गोरखपुर में इसकी डिमांड बढ़ गई है. जियाउल्लाह उर्फ मुन्नू ने बताया कि जितने भी मुर्गे पहले मंगाए गए थे वो सब बिक गए. ग्राहकों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए दोबारा ऑर्डर दिया गया है.जियाउल्लाह बताते हैं कि कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति के तीन रूप होते हैं. पहला जेड ब्लैक होता है. इसके पंख पूरी तरह से काले होते हैं. इस मुर्गे का आकार पेंसिल की तरह होता है. इस शेड में कड़कनाथ के पंख पर नजर आते है. गोल्डन कड़कनाथ मुर्गे के पंख पर गोल्डन छींटे दिखाई देती हैं. उन्होंने बताया कि उनके यहां ‘बटेर’ भी तीन रंग में बिक रही है. एक बटेर की कीमत ₹70 है. इसे बरेली से मंगवाया जा रहा है।