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UP में लगातार बढ़ रहे कोरोना केस के बीच क्या 16 अगस्त को BEO की परीक्षा कराना सही है?

लखनऊ। देशभर में कोरोना का कहर जारी है। रोजाना ही कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। देशभर कोरोना का आंकड़ा 22 लाख से ज्यादा पहुँच चुका है। बात रोजाना केस की करें तो लगभग देशभर में रोजाना हजारों केस आमने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी कोरोना पूरी तरह पैर पसार चुका है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी कोरोना संक्रमित हैं। देश के कई जाने माने माननीय भी इसकी चपेट में हैं लेकिन इसी संकट के बीच यूपी में कराई जा रही प्रतियोगी परीक्षाएं सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा कर रही है।

सवाल ये कि जब देश के प्रधानमंत्री खुद लोगों को घर में रहने और सावधानी से रहने की सलाह दे रहे हैं तो फिर यूपी सरकार इस बीच पेपर क्यों करा रही? आपको बता दें कि अभी हाल ही में 8 अगस्त को मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय के एंट्रेंस एग्जाम कराए गए हैं जिसमें जमकर सोशल डिस्टनसिंग की धज्जियां उड़ाई गयी थी।

वहीं 9 अगस्त को प्रदेशभर में यूपी बीएड का भी पेपर कराया था जहां प्रशासन भीड़ को काबू करने में असहाय नजर आयी और हर जगह सोशल डिस्टनसिंग की धज्जियां उड़ाई गयी।

छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों ने लगातार पेपर कराने का विरोध किया लेकिन सरकार ने पेपर कराया। बात गोरखपुर की करें तो शहर के कई थाना क्षेत्रों में लॉक डाउन किया गया है और रोजाना ही वहां पर कोरोना के केस 100 से ऊपर आ रहे उसके बावजूद रिस्क लेकर पेपर कराना कहाँ तक उचित है?

एक तरफ सरकार कहती है कि शादी विवाह, अंतिम संस्कार या किसी समारोह में 50 से ज्यादा लोग नहीं इक्कट्ठा होंगे तो फिर पेपर करा कर भीड़ क्यों करा रही सरकार? अगर भीड़ में गलती से कोई संक्रमित हुआ तो नतीजा क्या होगा ये आप अंदाजा लगा सकते हैं। हालांकि सोशल मीडिया के जरिये छात्र- छात्राएं पेपर कराने का विरोध कर रहे लेकिन फिर भी सरकार मौन है।

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