भारत की कूटनीति रंग लाई, लद्दाख में पीछे हटी चीन की सेना
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख एलएसी पर महीनों से जारी तनाव अब कम होता नज़र आरहा है। इसके लिए भारत ने कूटनीतिक स्तर पर कड़ी मेहनत की है। बताया जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिक कई जगहों पर पीछे हटे हैं।सूत्रों ने बताया कि गलवन क्षेत्र में चीन की सेना यानी पीएलए ने पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से ढाई किलोमीटर पीछे हटी है जबकि भारत ने अपने सैनिकों को भी कुछ पीछे हटाया है।इससे पहले चार जून को भी ऐसी रिपोर्ट आई थी कि चीनी सेना दो किलोमीटर पीछे हट गई है। चीन ने उक्त कदम छह जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बैठक से पहले उठाए थे।इस पहलकदमी से पूर्वी लद्दाख के गलवां घाटी में भारत और चीन के बीच उपजे तनाव में कमी के संकेत मिलने लगे हैं।चीन ने गलवन घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से जुड़े कम से कम तीन स्थलों से अपनी सेना को पीछे करने को तैयार हुआ है। भारत की तरफ से भी सेना को पीछे करने का संकेत दिया गया है।यह सहमति पिछले शुक्रवार को दोनो देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों और शनिवार को सैन्य स्तरीय बातचीत की वजह से बनी है। बताया गया है कि अगले दो दिनों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर फिर बातचीत होगी जिससे सीमा पर तनाव दूर करने में और मदद मिलेगी।पूर्वी लद्दाख के एलएसी के पास चीनी सैनिकों के जमावड़े में बीते छह जून, 2020 को हुई बातचीत से पहले ही कुछ कमी हुई थी। चीन कुछ चुनिंदा जगहों से धीरे धीरे अपनी सेनाओं की संख्या कम कर रहा है।बताया जाता है कि विदेश मंत्रालय के स्तर पर हुई बातचीत में बनी सहमति को सीमा पर पहुंचने से हालात को सामान्य बनाने में काफी मदद मिली है। इन दोनों बैठकों में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी शिनफिंग के बीच दो अनौपचारिक बातचीतों में हर हाल में सीमा पर शांति बहाली बनाए रखने के मिले निर्देश का जिक्र किया गया था।