हमेशा ही विवादों में रहने वाले बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार कमलेश पासवान पर गोरखपुर के छात्रसंघ चौराहे स्थित पैनेशिया हॉस्पिटल को कब्जाने का आरोप लगा है। आरोप लगाने वाले कोई और नहीं बल्कि हॉस्पिटल के कई संस्थापक सदस्य हैं। इस संबंध में संस्थापक सदस्यों ने राष्ट्रपति, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीशों और मुख्यमंत्री के पोर्टल के साथ ही पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर सांसद कमलेश पासवान, विधायक विमलेश पासवान, डॉ. प्रमोद सिंह, डॉ.ऐ के मल्ल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
सात साल पहले पैनेशिया की पड़ी थी नींव:
पैनेशिया लाइफ हेल्थ जोन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संस्थापकों ने 2013 में हास्पिटल की स्थापना की थी। बाद में उन्होंने डा. प्रमोद सिंह से अनुबंध कर इसे संचालित करने के लिए उन्हें दे दिया। आरोप है कि बाद में डॉ. प्रमोद ने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करना शुरू कर दिया। इसका विरोध करने पर संस्थापकों ओर शेयर होल्डरों को उन्होंने धमकी देनी शुरू कर दी।
कोर्ट ने डॉ. प्रमोद सिंह से मांगा था लेखा-जोखा:
डॉ. प्रमोद के व्यवहार से क्षुब्ध होकर कंपनी के बोर्ड ने सर्वसम्मति से फैसला लेकर उनके साथ किया गया अनुबंध समाप्त कर दिया। अभिलेखों को चेक करने पर डॉ. प्रमोद के भारी गड़बड़ी करने का पता चला। इस मामले में मुकदमा करने पर कोर्ट ने डॉ. प्रमोद को हास्पिटल से संबंधित दो साल का लेखा-जोखा पेश करने का निर्देश दिया। आरोप है कि इसी बीच डॉ. प्रमोद ने बांसगांव से भाजपा के सांसद कमलेश पासवान, उनके भाई और बांसगांव के विधायक विमलेश पासवान तथा डॉ. एके मल्ल से भारी रकम लेकर हास्पिटल पर कब्जा करा दिया।
ये हैं शिकायतकर्ता:
राष्ट्रपति, न्यायालय और मुख्यमंत्री के पोर्टल पर की गई शिकायत के साथ ही पुलिस अधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र में विजय पाण्डेय, राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, राम निवास गुप्त, गोविंद प्रसाद, रमेश कुमार, अशोक कुमार मद्धेशिया, रवि प्रकाश श्रीवास्तव, विवेक कुमार अग्रवाल, ऋतु अग्रवाल, अश्वनी कुमार सिंह तथा कृपाशनी श्रीवास्तव ने हस्ताक्षर किए हैं। यह लोग पैनेशिया लाइफ हेल्थ जोन प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक हैं।
कमलेश पासवान ने आरोपों से पल्ला झाड़ा:
एक अखबार से बातचीत में कमलेश पासवान ने कहा कि पैनेशिया हास्पिटल से मेरा या मेरे भाई का कोई लेना देना नहीं है। उस पर कब्जा करने का आरोप पूरी तरह से निराधार है। डॉ. प्रमोद सिंह मेरे मित्र हैं। उन्हीं की वजह से हास्पिटल में मेरा आना-जाना है। आपसी विवाद में मुझे बदनाम करने की साजिश के तहत मेरे ऊपर आरोप लगाया जा रहा है।
सांसद ने ट्विटर पर क्या लिखा:
सांसद कमलेश पासवान द्वारा 1 मार्च 2020 को ट्वीटर पर एक ट्वीट शेयर किया गया जिसमें उन्होंने लिखा:
आज गोरखपुर मे छात्रसंघ चौराहा स्थित #सिटी_हॉस्पिटल/#पैनेशिया_हॉस्पिटल पर आयोजित पूजन कार्यक्रम मे सम्मिलित हुआ तत्पश्चात
स्वo सोहन लाल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी !!!!
https://twitter.com/kamleshpassi67/status/1234016500681498624?s=19
सांसद कमलेश पासवान के इस ट्वीट में साफ दिख रहा कि वो सिटी हॉस्पिटल और पैनेशिया हॉस्पिटल को एक बता रहे हैं। अगर कमलेश पासवान का पैनेशिया हॉस्पिटल से कुछ लेना देना नहीं है तो फिर सांसद ने अपने ट्विट में इसका जिक्र ही क्यों किया?
आरोप निराधार है: डॉ. प्रमोद
डॉ. प्रमोद सिंह का कहना है कि पैनेशिया हास्पिटल का 50 प्रतिशत शेयर मेरे नाम से है। संस्थापकों ने ही 2016 में एक समझौते के तहत मुझे हास्पिटल चलाने के लिए दिया था। बाद में खुद ही समझौता तोड़कर 18 जून 2018 को उन्होंने हास्पिटल पर कब्जा करने का प्रयास किया। इस मामले में कैंट थाने में मुकदमा भी दर्ज है। हास्पिटल पर मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में मुकदमा लंबित है। खुद को संस्थापक बताने वाले लोग मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
खैर ये पहला मामला नहीं है जिसमें सांसद कमलेश पासवान का नाम सामने आया है इससे पहले बलदेव प्लाजा के विवादों में भी इनका नाम सामने आया था जिसकी जांच अभी चल रही है। अब देखना होगा कि जिस तरीके से हॉस्पिटल कब्जाने का आरोप बीजेपी सांसद के ऊपर लगा है तो इसमें कितनी सच्चाई है?