गोरखपुर। बाहर से गांवों में आए वर्कर्स पर नजर रखने के लिए हर गांव में निगरानी समिति बनाई गई है। इस निगरानी समिति में आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी को रखा गया है।
वहीं शहरी क्षेत्रों के वार्डों में मोहल्ला क्लीनिक बनाया गया है, जिसमें आशा, एएनएम, पार्षद व नगर निगम के कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा ब्लाक स्तर पर भी पांच-टीमें बनाईं गई हैं। किसी की तबीयत खराब होने पर ये टीमें उन्हें टीबी अस्पताल में क्वारंटीन कराकर नमूने जांच के लिए भेज रही हैं।
बाहर से आने वाले हर व्यक्ति पर रखी जा रही नजर
गांवों और वार्डों की टीमें हर व्यक्ति पर नजर रख रही हैं। ताकि लोग क्वारंटीन अवधि में घर से बाहर न निकलें और किसी की तबीयत खराब होने पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिल सके। 50 हजार से अधिक प्रवासी पहुंच चुके हैं, इनके अभी आने का सिलसिला जारी है।
गांव के बड़े-बुजुर्गों को भी दी गई जिम्मेदारी
स्वास्थ्य विभाग अपनी टीमों के अलावा लोगों पर नजर रखने के लिए गांव के बड़े-बुजुर्गों को भी प्रेरित कर रहा है। उन्हें बताया जा रहा है बाहर से आए लोग घर से न निकलें, इसी में गांव का हित है।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतर्क हैं। बाहर से आए हर व्यक्ति को उसके घर में क्वारंटीन कराया जा रहा है। यदि किसी की तबीयत खराब है, तो उसे गांव के बाहर शेल्टर होम में रखा जा रहा है। जरूरत पड़ने पर टीबी अस्पताल लाया जा रहा है। कोरोना जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई तभी घर भेजा जा रहा है।
-श्रीकांत, सीएमओ गोरखपुर
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