गोरखपुर। निक्षय पोषण योजना से जिले में टीबी मरीजों को अच्छी खासी आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है। मरीज दवाओं के साथ दूध, अंडा, फल, पोषक सब्जियों का सेवन कर सकें इसके लिए सरकार की पहल पर यह योजना चल रही है।
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योजना के तहत प्रति माह 500 रुपये मरीज के खाते में भेजने का प्रावधान है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र ने बताया कि मार्च के प्रथम सप्ताह तक जिले में नोटिफाइड 16437 टीबी मरीजों के खाते में करीब 4.35 करोड़ की रकम योजना के तहत भेजी जा चुकी है।
योजना का लाभ उन्हीं टीबी मरीजों को मिलता है जिनका नोटिफिकेशन होता है और जो खाता खुलवा कर खाते का विवरण नजदीकी टीबी यूनिट में उपलब्ध करवा देते हैं। इस योजना का लाभ उन टीबी मरीजों को भी मिलता है जो किसी निजी चिकित्सक के यहां अपना इलाज करवा रहे हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि निजी चिकित्सकों को ऐसे नये टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन के लिए भी 500 रुपये देने का प्रावधान है।
जो चिकित्सक टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन करते हैं वह मरीज की भी भलाई करते हैं क्योंकि नोटिफिकेशन के बाद ही निक्षय पोषण योजना का लाभ मिलता है।
जिले में अब तक निजी सेक्टर से नोटिफाइड 4025 टीबी मरीजों को 96.56 लाख रुपये उनके खाते में भेजे गये हैं।
सरकारी क्षेत्र के सापेक्ष निजी क्षेत्र में ज्यादा नोटिफिकेशन नहीं हो पा रहा है जिसे बढ़ाने के लिए समय-समय पर निजी सेक्टर को संवेदीकृत किया जा रहा है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि नोटिफिकेशन के बावजूद जो लोग अपने खाते का विवरण उपलब्ध नहीं करवाते हैं वह भी इस योजना से वंचित हो जाते हैं।
जिले में योजना के तहत नोटिफाइड 28149 लोगों के सापेक्ष केवल 20212 लोग बैंक डिटेल उपलब्ध करवा सके।
बाकी लोगों से भी अपील है कि यथाशीघ्र खाता विवरण उपलब्ध करवा दें। अभी जिले में 81 फीसदी लोगों का भुगतान हो चुका है। बाकी भुगतान भी प्रक्रिया में है।
रकम से मिलती है मदद
मुंडेरा बाजार में पेशे से सब्जी विक्रेता संतोष कुमार की आठ साल की बेटी अब टीबी से स्वस्थ हो चुकी हैं। वह बताते हैं कि इलाज के दौरान डॉट प्रोवाइडर धर्मेंद्र कुमार ने उनके घर दवाएं पहुंचाईं।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सरदारनगर डॉ. हरिओम पांडेय ने घर आकर बच्ची का कुशलक्षेम पूछा। सबसे अच्छी बात यह रही कि बच्ची के मां के खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत पैसे भी आए जिनका इस्तेमाल इलाज के दौरान चिकित्सक द्वारा बताए गये पौष्टिक खानपान में हुआ।
वह बिटिया के स्वस्थ होने के लिए योजना और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गयी सुविधाओं से संतुष्ट हैं।
13.89 लाख की रकम हस्तांतरित
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह ने बताया कि डिजीटल हस्ताक्षर के अभाव में दिसंबर से योजना के जिन लाभार्थियों को पैसे नहीं मिल पाए थे, उनका भी भुगतान कर दिया गया है।
बीते तीन मार्च को एक साथ 1376 लाभार्थियों के खाते में 13.89 लाख की रकम हस्तांतरित कर दी गयी।
उन्होंने बताया कि जिन मरीजों के पास नोटिफिकेशन के समय खाता नहीं होता है, उनको भी खाता खुलवाने के बाद यह भुगतान किया जाता है।
रकम का करें सदुपयोग
पोषण के लिए प्रति माह दी जाने वाली 500 रुपये की सहायता का इस्तेमाल टीबी पीड़ित को पोषक तत्वों से भरपूर खानपान देने में ही करें।
टीबी मरीज की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए दवा के साथ पोषकता नितांत अनिवार्य है। जो लोग इस योजना का लाभ नहीं पा रहे हैं, वह निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर योजना का लाभ उठावें।