गोरखपुर। गोरखपुर में बन रहे ए श्रेणी के विधि विज्ञान प्रयोगशाला में डीएनए से लेकर वायस मैचिंग तक सभी जांच होंगी। अपराधी कितना भी शातिर हो वह अपराध के नजरिये से होने वाले जांच में खुद को बचा नहीं पाएगा। इसके शुरू होते ही गोरखपुर नहीं जोन के 11 जिलों को लाभ मिलेगा। अभी यह सारे जिले लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला पर ही निर्भर हैं।
यह जांचे होंगी
बॉयोलॉजी टेस्ट : इस टेस्ट से रेप के मामलों की जांच में सहायता होगी। इसमें वीर्य की जांच, खाल, बाल और हड्डी समेत अन्य जांचें शामिल हैं।
सिरोलॉजी टेस्ट : हत्या के मामले की जांच में इस टेस्ट से सहायता मिलेगी। इसमें हत्या के बाद लिए गए खून के सौंपल जांच होगी।
रसायन टेस्ट : इससे एनडीपीएस एक्ट से जुड़ी जांच होगी। इसमें शराब, गांजा, स्मैक, तंबाकू, डीजल, पेट्रोल आदि में मिलावट आदि सैंपल की जांच होगी।
भौतिक टेस्ट : इसमें किसी भी बरामद वस्तु की जांच होगी। जैसे की कार की चेचिस नम्बर, कार का कनेक्शन एवं भवन निर्माण में हुई अनियमितता में बिल्डिंग मटेरियल और राख आदि की जांच होगी।
हैंडराइटिंग टेस्ट : इसमें लेखनी, सुसाइड नोट और फर्जी हस्ताक्षर सहित अन्य जांच होगी।
टॉस्कोलॉजी टेस्ट: इसमें जहर और उसके प्रकार की जांच होती है। खास तौर से बिसरा प्रिजर्व मामले की जांच होगी यह रिपोर्ट अब 15-20 दिन में आ जाएगी।
ब्रेन मैपिंग टेस्ट : अपराधी के दिमागी टेस्ट, उसके दिमागी हालत की जांच की जाएगी। इससे पुलिस को बड़ी मदद मिलेगी।
मेडिको लीगल टेस्ट : इस टेस्ट से मौत के कारण और उसके इतिहास का पता चल सकेगा।
फॉरेंसिक इंजीनियरिंग टेस्ट : इससे लोहे सोने समेत सभी प्रकार के धातुओं की जांच हो सकेगी।
बैलिस्टिक टेस्ट : वारदात में इस्तेमाल हथियार की जांच होगी। इसी टेस्ट से गोली की भी जांच हो सकेगी।
एक्सप्लोसिव टेस्ट : इसमें विस्फोटकों की जांच आसान हो जाएगी। किस प्रकार के रसायन का इस्तेमाल हुआ है या नहीं, इसकी भी जांच होगी।
डीएनए जांच : इस जांच से किसी भी व्यक्ति की दूसरे व्यक्ति से रक्त संबंधों का पता चल पाएगा।
कम्प्यूटर फारेंसिक टेस्ट : इस जांच के जरिए साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की गुत्थी सुलझेगी।
वायस मैचिंग : आवाज के नमूनो से यह टेस्ट कर यह पता चलेगा कि आवाज असली है या फिर नकली
लेकिन बजट के चक्कर में काम धीमा
एसएसपी डा. सुनील गुप्ता ने सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी के साथ मंगलवार को जिला अस्पताल के सामने बन रहे आधुनिक विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निरीक्षण किया। भवन का पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। एसएसपी ने ठेकेदार से काम की प्रगति पूछी तो उन्होंने बजट के अभाव में काम धीमा होने का हवाला दिया। एसएसपी ने बजट के लिए शासन से बात करने का भरोसा दिया।
विधि विज्ञान प्रयोगशाला को मार्च से शुरू करने की तैयारी है। हालांकि इसके पहले अक्टूबर 2019 की भी तारीख आ चुकी थी पर तब शुरू नहीं हो पाया था। लेकिन इस समय इसमें तेजी आई है। निर्माण के बीच प्रयोगशाला की शुरुआत कर छह तरह की जांचे करने की तैयारी चल रही है।
इसके लिए कुछ उपकरण और रसायन खरीद भी लिए गए हैं वहीं कुछ की खरीदारी चल रही है। एसएसपी डा. सुनील गुप्ता ने बताया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला शुरू होने से हमारी कई तरह की समस्याओं का कम समय में ही यहीं पर हल हो जाएगा।
उन्होंने सईद अहमद के केस का उदाहरण दिया कहा कि इस तरह की रिपोर्ट आने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। बिसरा समेत कई अन्य महत्वपूर्ण जांचों के लिए महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
150 लोगों की टीम रहेगी मौजूद
पांच मंजिला बन रही विधि विज्ञान प्रयोगशाला में 69 वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों मिलाकर 150 लोगों की टीम तैनात होगी जो अपराध से जुड़े विभिन्न तरह के टेस्ट करेगी।
अब तक देश में सर्वाधिक समृद्ध प्रयोगशाला बंगलुरु की ही मानी जाती है जहां 10 तरह की जांचें हो पाती है लेकिन गोरखपुर में बन रही विधि विज्ञान प्रयोगशाला में 16 तरह की जांचे होंगी।