गोरखपुर। बांसगांव विधानसभा के विधायक डॉ विमलेश पासवान ने कहा कि बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान की छवि राजनैतिक कारणों से खराब की जा रही है जो व्यक्ति एक बार विधायक और तीन बार लगातार सांसद हो उसके उपर डकैती जैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस क्या साबित करना चाहती है? पुलिस पीड़ित के उपर ही मुकदमा दर्ज कर अन्याय कर रही है। ये सब पुलिस क्यों और किसके दबाव में आ कर रही है, यह जांच का विषय है। सांसद कमलेश पासवान कम्पनी अधिनियम 2013 के नियमों के अनुसार ही संचालक मंडल के निर्देशक बने हैं। कुछ लोग जबरिया होप पैनेशिया हास्पिटल पर कब्जा करना चाहते थे। अपने मंसूबे में कामयाब न होने पर सांसद की राजनैतिक छवि खराब करने की कोशिश में लगे हैं। अब गोरखपुर पुलिस उन्हीं के कदमताल कर रही है। कमलेश पासवान के राजनैतिक जीवन को देखें तो पता चलता है कि उनकी जनता में लोकप्रियता कितना उच्च स्तर की है। वह एक बार मानीराम से विधायक रह चुके हैं। इसके बाद बांसगांव लोकसभा से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए है। चुनाव दर चुनाव उनकी बढ़ती लोकप्रियता कुछ लोगों को हजम नहीं हो पा रही है ऐसे में उनकी छवि प्रभावित करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
होप पैनेसिया हास्पिटल का मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद कुछ लोगों ने जबरन कब्जा की कोशिश की। चुने हुए जन प्रतिनिधि को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया गया जिसका विडियो फुटेज भी मौजूद है। बावजूद इसके दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बजाय पुलिस ने सांसद के उपर ही गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके पूरे मामले में 48 घंटे से अधिक समय तक पुलिस क्या कर रही थी जिनके विरुद्ध साक्ष्य मौजूद था उनके उपर कार्रवाई करने से पुलिस क्यों बच रही है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक चुने हुए सांसद को पुलिसिया कार्रवाई का शिकार होना पड़ रहा है।25-06-1975 को देश में आपातकाल लगा था।25-06-2020 को गोरखपुर में सांसद के उपर किया गया पुलिसिया कार्रवाई कुछ इसी प्रकार का प्रतीत होता है। पुलिस को सांसद के उपर दर्ज किया गया सभी मामले वापस लेना चाहिए। जिससे पुलिस पर जनता का विश्वास कायम रह सके। जनता सब देख रही है। जब सांसद के साथ पुलिस ऐसा कर सकती है तो आम जनमानस न्याय से वंचित ही रहेगा। अब देखना होगा कि आगे इस मामले पर क्या होता है।