सतीश द्विवेदी के भाई की नियुक्ति पर बढ़ा विवाद, राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट

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बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी के भाई डा. अरुण द्विवेदी के सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में हुई नियुक्ति प्रकरण ने तूल पकड़ लिया। नियुक्ति प्रक्रिया के साथ इनके ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र पर सवाल उठने लगे हैं। इंटरनेट मीडिया पर इससे संबंधित पोस्ट भी वायरल हो रहे हैं।

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उधर, आरटीआई कार्यकर्ता डा. नूतन ठाकुर की शिकायत पर राज्यपाल आनंदीबेन ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे से जवाब मांगा है। उन्होंने चयन प्रक्रिया में उठाए गए कदम की जानकारी भी मांगी है।

बताया जा रहा है कि डा. अरुण लिखित परीक्षा में दूसरे स्थान पर थे। उन्हें 80 अंक मिले थे जबकि प्रथम स्थान वाले को 81 अंक। कुलपति के नेतृत्व में आयोजित साक्षात्कार में अरुण द्विवेदी के अंक अधिक हो गए।

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रशासन ने मनोविज्ञान संकाय में एसोसिएट प्रोफेसर के दो पदों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन मांगा था। एक पद पिछड़ा वर्ग व दूसरा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित था।

आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई ने भी आवेदन किया। जबकि यह बतौर प्रोफेसर कार्यरत हैं। इन्होंने अपने फेसबुक प्रोफाइल में इस जानकारी को दर्शाया भी है।

पारिवारिक सदस्यों के अनुसार इनकी पत्नी भी बिहार के एक डिग्री कालेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं। बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि वनस्थली विद्यापीठ में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत होने के बाद कैसे इनके नाम ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी हुआ।