गोरखपुर। गगहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने ही फर्जी ढंग से प्राईवेट हॉस्पिटल का संचालन हो रहा है।
बड़ी बात ये है कि जहां पर सुबह से शाम तक बड़े डॉक्टर आते जाते रहते हैं उन सब के बाद भी ऐसा देखने को मिल रहा है।
जिस हॉस्पिटल का बोर्ड लगाया गया है उस पर ना ही किसी डॉक्टर का नाम है ना ही उस की डिग्री। हां 24 घंटे सेवा की बात जरूर लिखी गई है।।
बिना डिग्री लिखे किसी डॉक्टर का नाम आखिर किस आधार पर ऐसे हॉस्पिटल चल रहे हैं बड़ी बात तो ये है कि सरकारी महकमे में बैठे लोग इस खबर से बेखबर हैं।
इस सन्दर्भ मे जब हमारी बात हॉस्पिटल संचालक (फार्मासिस्ट) भृगुनाथ कुमार से हुई तो उन्होंने बताया कि हमारे हॉस्पिटल का रिन्यूअल का डेट खत्म हो चुका है डेट खत्म होने के पांच दिन बाद हमने आवेदन किया लेकिन अभी तक रिन्यूअल नहीं हुआ है। बड़ा सवाल यह है कि जिस बोर्ड पर बड़ी बड़ी बीमारियों के इलाज के दावे किए जा रहे हैं उस हॉस्पिटल के संचालन की अवधि समाप्त हो चुकी है ऐसे में सवाल उठता है कि क्या स्वास्थ्य विभाग की टीम बिना जांच पड़ताल के ही ऐसे हॉस्पिटलों को धड़ल्ले से संचालित होने का अवसर प्रदान कर रही है?
क्या सरकारी रिकॉर्ड में ऐसे हॉस्पिटलों का कोई लेखा-जोखा है कि जिस का रिन्यूअल का डेट खत्म होने के बाद भी हॉस्पिटल धड़ल्ले से संचालित हो रहा है?